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Showing posts from October, 2024

निटर भोपाल में दीपावली की पूर्व संध्या पर दीप वितरण कार्यक्रम संपन्न

ज्ञान, प्रकाश और सुख-समृद्धि का प्रतीक है दीपावली: प्रो. सी.सी त्रिपाठी भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में इस वर्ष दिवाली की पूर्व संध्या पर दीप वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।  संस्थान के निदेशक प्रो. सी.सी त्रिपाठी ने कर्मचारियों एवं सफाई-मित्रों को उपहार और दीप वितरित किए और सुख समृद्धि की कामना की।  प्रो. त्रिपाठी ने संबोधित करते हुए दिवाली की शुभकामनाएं दीं और कहा कि दिवाली का त्योहार केवल रोशनी का पर्व नहीं है, बल्कि ज्ञान, प्रकाश, सुख-समृद्धि, प्रेम और एकता का प्रतीक भी है।  समस्त कर्मचारियों ने संस्थान की इस पहल को बहुत सराहा और इसे सकारात्मकता का प्रतीक माना।  इस अवसर पर प्रो. आर.के दीक्षित, प्रो. संजय अग्रवाल, प्रो. पी. के पुरोहित, प्रो. सुब्रत रॉय व श्री गौतम कुमार सिंह उपस्थित थे।

उज्जैन के शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सालय में नवम आयुर्वेद दिवस का आयोजन: "वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार" की संकल्पना के साथ कार्यक्रम सम्पन्न

उज्जैन। आयुष मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार मध्यप्रदेश शासन आयुष विभाग के आदेश परिपालन में दिनांक 29.10.2024 को धन्वंतरि जयंती एवं धनतेरस के अवसर पर शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सालय में नवम आयुर्वेद दिवस का आयोजन भगवान धन्वंतरि के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।  संस्था के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. ओ पी व्यास की अध्यक्षता में संपन्न हुए इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ राकेश कुमार निमजे विभागाध्यक्ष स्वस्थवृत्त थे। चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ ओ पी शर्मा एवं आर एम ओ डॉ हेमन्त मालवीय के अनुसार इस बार आयुर्वेद दिवस को "वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार" की संकल्पना के साथ विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। डॉ. हेमन्त मालवीय ने बताया कि डॉ राकेश निमजे के निर्देशन में आयुर्वेद एवं महिला स्वास्थ्य, आयुर्वेद नवाचार, कार्यस्थल पर स्वास्थ्य कल्याण, विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद आहार आदि के माध्यम से आयुर्वेद विधा का प्रचार किया गया। जिसमें प्रदर्शनी के माध्यम से महाविद्यालय की फार्मेसी में आयुर्वेद औषधियों से निर्मित मिठाईयाँ, अंकुरित अनाज एवं काढ़ा-चाय आकर्षण...

विक्रम विश्वविद्यालय में मनाया गया नवम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस

वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार पर हुआ महत्वपूर्ण परिसंवाद  गैर संक्रामक व्याधियों का प्रमुख समाधान है आयुर्वेद  - डॉ जितेंद्र जैन उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के स्वर्ण शलाका दीर्घा सभागार में नवम आयुर्वेद दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार पर केंद्रित महत्वपूर्ण परिसंवाद का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि वक्ता आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ जितेंद्र जैन थे। अध्यक्षता कुलगुरु डॉक्टर अर्पण भारद्वाज ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ अनिल कुमार शर्मा, कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा, प्रोफेसर उमा शर्मा एवं डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ जितेंद्र जैन ने अपने व्याख्यान में कहा कि आयुर्वेद संसार की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है। प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान धन्वंतरि के अवतरण दिवस को आयुर्वेद के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।  धन्वंतरि जयंती के साथ ही वर्...

हर ईट है साक्षी और हर दीवार पर हैं किस्से - मेधा बाजपेई

थोड़ी देर तक हम सभी शून्य और हतप्रभ रह गये थे, अगले 2 घंटे तक हमारे दल ने किसी से कोई बात नहीं की, बात करने की स्थिति में ही नहीं थे । मैं बात कर रहीं हूं 'सेल्युलर जेल, अंडमान' की जो कभी ब्रिटिश उत्पीड़न का प्रतीक था और आज भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महाकाव्य को समर्पित एक राष्ट्रीय स्मारक है,जिसकी हर ईट है साक्षी और हर दीवाल पर  किस्से  हैं। एक राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रो प्रमोद कुमार पुरोहित,प्रो सी सी त्रिपाठी और  श्रीमती वंदना त्रिपाठी  के साथ अंडमान  जाने और इस तीर्थ के दर्शन करने का अवसर मिला। डॉ सी सी त्रिपाठी और श्रीमती वंदना त्रिपाठी के साथ लगातार स्वतंत्रता सेनानियों  और वीर सावरकर के बारे में सुनते हुए इस कालापानी कहे जाने वाली जेल को देखा।  वीर सावरकर जी ने कालापानी में महाकाव्य ' कमला' और 'गोमांतक' की रचना की थी। उनकी काल कोठरी में जाना और उनको दण्डवत प्रणाम करना ऐसा लगा की कण मात्र ही अपने अपने हिस्से की थोड़ी सी देशभक्ति अर्पित की है। गाइड ने कहा की आंखों के आंसू और समुद का पानी,  वीरों की कहानियाँ  बहुत गहरी  होती...

वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान है आयुर्वेद

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस आयुष मंत्रालय भारत सरकार वर्ष 2016 से हर वर्ष कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वंतरि के अवतरण दिवस आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाता है। आयुर्वेद को आधुनिक समय में भी समान रूप से प्रासंगिक चिकित्सा की सबसे प्राचीन और अच्छी तरह से प्रलेखित प्रणाली के रूप में माना जाता है  प्रयोजनं चास्य स्वस्थस्य स्वास्थ्यरक्षणमातुरस्य विकारप्रशमनं च।। जिसमें रोगों की रोकथाम और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने दोनों पर उचित ध्यान दिया जाता है।  इस वर्ष नवम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 29 अक्टूबर 2024 को संपूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाएगा।  आयुर्वेद दिवस 2024 का विषय है” वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार”। आयुर्वेद दिवस के उद्देश्य  १.वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियां जैसे गैर संक्रामक व्याधियों,एंटी माइक्रोबॉयल रेजिस्टेंस, मेंटल हेल्थ, न्यूट्रीशनल डिसऑर्डर जीवन शैली संबंधी रोग जैसे उच्च रक्तचाप, कैंसर ,हृदय रोग आदि वृद्धावस्था संबंधी विकार आदि का मुकाबला करना।  २. रोगों की रोकथाम और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना  3. सतत विकास ल...

राष्ट्रीय बदलाव दिवस पर मानसिक स्वास्थ्य-प्रबंधन पर व्याख्यान संपन्न

मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझाना आवश्यक- डॉ. धर्मिष्ठा शर्मा विक्रम विश्वविद्यालय के पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (जेएनआईबीएम) में राष्ट्रीय बदलाव दिवस पर एसडीजी-3 मानसिक स्वास्थ्य-प्रबंधन मनोवैज्ञानिक संतुलन का बहुकोणीय संबंध पर रोचक व्याख्यान संपन्न उज्जैन। राष्ट्रीय बदलाव दिवस हर साल अक्टूबर महीने के चौथे शनिवार को मनाया जाता है। इस वर्ष 26 अक्टूबर को राष्ट्रीय बदलाव दिवस मनाया गया, सामुदायिक विकास के 17 सतत विकास लक्ष्यों और 169 लक्ष्यों आधारित संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा मानव समाज के उत्थान लक्ष्यों की परस्पर संबद्धता को दर्शाता है। इसमें बढ़ती आर्थिक और सामाजिक स्वास्थ्य असमानताओं, तेजी से बढ़ते शहरीकरण, जलवायु-पर्यावरण के खतरे, संक्रामक रोगों का बोझ और गैर-संचारी रोगों, मानसिक स्वास्थ्य जैसी उभरती चुनौतियों को भी चिन्हित किया गया है। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज एसडीजी-3 को प्राप्त करने हेतु मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील होना आवश्यक है। किशोरों और युवा वयस्कों में मृत्यु के कई मुख्य कारणों का पर्यावरण से गहरा संबंध है, जिसमें अनजाने में लगी चोटें, यातायात प...

अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अंतर्गत होंगे विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा अनेक सारस्वत आयोजन

विक्रम कालिदास पुरस्कार 2024 के लिए गुणवत्तापूर्ण शोध पत्र आमंत्रित, समारोह में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के साथ होंगी संस्कृत एवं हिंदी वाद विवाद और कालिदास काव्यपाठ स्पर्धाएं  उज्जैन। मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन दिनांक 12 से 18 नवंबर 2024 तक किया जा रहा है। इस वर्ष अकादमिक कार्यक्रमों के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के तीन सत्र आयोजित किए जाएंगे। विक्रम कालिदास पुरस्कार 2024 हेतु गुणवत्तापूर्ण शोध पत्रों की प्रविष्टि की अंतिम तिथि 8 नवम्बर रहेगी। इसके साथ ही कालिदास साहित्य के विविध पक्षों पर केंद्रित शोध पत्र प्रस्तुति के लिए देश के अनेक राज्यों के सुधी विद्वान, प्राध्यापक और शोधकर्ता सम्मिलित होने के लिए उज्जैन आ रहे हैं। यह जानकारी देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय की कालिदास समिति के सचिव एवं कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह के सारस्वत आयोजन के अंतर्गत कालिदास साहित्य के विविध पक्षों पर राष्ट्रीय श...

सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत यूको बैंक एवं विक्रम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में हुई सत्यनिष्ठा की संस्कृति से राष्ट्र की समृद्धि पर केंद्रित रंगोली प्रतियोगिता

विद्यार्थियों का समग्र विकास हो एवं वे हर क्षेत्र में निपुणता अर्जित करें यह विश्वविद्यालय की प्राथमिकता है - कुलगुरु प्रो भारद्वाज   रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम रहीं लक्ष्मी कुशवाह, द्वितीय सुरभि जाधव एवं तृतीय रहीं हर्षिता नागर  सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत यूको बैंक एवं विक्रम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में विद्योत्तमा छात्रावास में  सत्यनिष्ठा की संस्कृति से राष्ट्र की समृद्धि पर केंद्रित रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया। दिनांक 25 अक्टूबर 2025 को यूको बैंक एवं विक्रम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान से विद्योतमा छात्रावास में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। ये आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय की विद्योतमा छात्रावास में सन्ध्या को रखा गया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के  कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि सम्पूर्ण देश में चलाया जा रहा यह अभियान सतर्कता जागरूकता के लिए समर्पित है। इसके सन्देश को युवाओं के बीच  पहुंचाने की पहल महत्वपूर्ण है। इस आयोजन में 25 से अधिक विद्यार्थि...

भारतीय भाषा एवं संस्कृति केंद्र द्वारा एनआईटीटीटीआर भोपाल को राजभाषा दिगंत पुरस्कार

भोपाल। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर) भोपाल की राजभाषा पत्रिका “संपर्क सरिता” को हाल ही में 'राजभाषा दिगंत पुरस्कार' से अंडमान निकोबार के मुख्य सचिव श्री केशव चंद्र द्वारा सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार हिंदी भाषा के विकास और प्रचार में उत्कृष्टता के लिए भारतीय भाषा एवं संस्कृति केंद्र, नई दिल्ली द्वारा दिया जाता है। इस पुरस्कार को संस्थान के निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने ग्रहण करते हुए कहा कि, "यह पुरस्कार हमारे लिए गर्व का क्षण है। किसी भी संस्थान की पत्रिका उस संस्थान की गतिविधियों का प्रतिबिंब होती है तथा संस्थान की छवि निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करती है। “संपर्क सरिता” विगत 25 वर्षों से निरंतर हिंदी के प्रचार-प्रसार में संस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए अग्रणी भूमिका निभाती रही है। हमारी राजभाषा पत्रिका “संपर्क सरिता” ने शिक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने का कार्य किया है। हम इसे आगे भी जारी रखेंगे। संस्थान राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार की दिशा में सतत प्रयत्नशील है तथा राजभाषा के प्र...

भगवान धन्वन्तरि एवं आयुर्वेद दिवस का परिचय

भगवान धन्वन्तरि का अवतार आयुर्वेद रत्नाकर के प्रथम रत्न मंथन के संदेश के साथ हुआ, जो सतत गतिशीलता और सुनियोजन से लक्ष्य प्राप्ति के देवता हैं। यद्यपि वैद्यक शास्त्र के जन्मदाता के रूप में धन्वन्तरि जी का नाम जनसाधारण में प्रचलित है, इतिहास में धन्वन्तरि नाम के तीन आचार्यों का वर्णन मिलता है। सर्वप्रथम धन्वन्तरि, जो देवलोक में हैं, उसी प्रकार मृत्यु लोक में अमृत कलश लिए हुए आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए। पुराणों में उल्लेख है कि क्षीरसागर के मंथन से अमृत कलश लिए हुए धन्वन्तरि उत्पन्न हुए। धन्वन्तरि समुद्र से निकले हुए 14 रत्नों में गिने जाते हैं, जिनमें श्री मणि, रंभा, वारुणी, अमिय, शंख, गजराज, कल्पद्रुम, शशि, धेनू, धनु, धन्वन्तरि, विष, वाजी देवता और असुर शामिल हैं। समुद्र मंथन का कार्य वासुकि नाग को रज्जू बनाकर और मंदराचल को मथनी बनाकर पूर्ण शक्ति के साथ किया गया। इसके फलस्वरूप धर्मात्मा आयुर्वेदमय पुरुष दंड और कमंडल के साथ प्रगट हुए। मंथन से पहले समुद्र में विभिन्न प्रकार की औषधियाँ डाली गई थीं, और उनके संयुक्त रसों का स्राव अमृत के रूप में निकला। फिर अमृत युक्त श्वेत कमंड...

एनआईटीटीटीआर भोपाल के प्रो. दीपक सिंह का केदारनाथ में हार्ट अटैक से दुखद निधन

भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.  दीपक सिंह का केदारनाथ में हार्ट अटैक से दुखद निधन हो गया। डॉ.दीपक सिंह अपने परिवार के सदस्यों के साथ दर्शन करने हेतु गए हुए थे। एनआईटीटीटीआर भोपाल ने आज एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर अपने प्रिय साथी की यादों एवं उनके योगदान पर चर्चा की। निदेशक प्रोफेसर सीसी त्रिपाठी ने कहा कि, आज हमने अपना एक ऊर्जावान ,कर्मठ एवं समर्पित साथी खो दिया है। संस्थान उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।  संस्थान उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा। डॉ पी के पुरोहित ने कहा की हमारे प्रिय गणितज्ञ, डॉ. श्री दीपक सिंह का आकस्मिक निधन हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने गणित के क्षेत्र में जो योगदान दिया, वह सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होनें अपने ज्ञान और अनुभव से न जाने कितने छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रेरित किया। उनका ज्ञान और अनुसंधान हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा। डॉ. सिंह न केवल शैक्षणिक बल्कि सामाजिक जीवन में भी एक उत्कृष्ट इंसान थे। उन्होंने गणित विषय में कई छात्रों को पीएचडी कराई एवं उत्कृस्ट रिसर्च पेपर्स का प्रेक्षण किया। इस अवसर पर प्रो आर के दी...

विक्रम विश्वविद्यालय फार्मेसी संस्थान के छात्र अजय राज चौहान को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के छात्र अजय राज चौहान का इंग्लैंड में फार्मास्यूटिकल साइंसेस इंडस्ट्रियल प्लेसमेंट मास्‍टर ऑफ साईंस (एम. एस.) प्रोग्राम के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ सरे में चयन हुआ है। अजयराज की इस सफलता पर व‍िक्रम विश्‍वविद्यालय कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज , व‍िक्रम विश्‍वविद्यालय  कुलसचिव डॉ.  अनिल शर्मा , डॉ.कमलेश दशोरा विभागाध्‍यक्ष फार्मेसी संस्‍थान, डॉ. दर्शन दुबे, एवं विभाग  के सभी शिक्षकों ने हर्ष व्‍यक्‍त किया हैं । कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज द्वारा उपाधी प्रधान की गई व मंगलकामनाएँ दीं।  अजय राज ग्राम तिलावद तहसील तराना जिला उज्जैन निवासी हैं तथा अध्यापन के साथ-साथ 5000 पोंड की प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति भी प्राप्त होगी जो अत्‍यंत उल्लेखनीय है।  फार्मेसी संस्‍थान के विभागाध्‍यक्ष डॉ कमलेश दशोरा द्वारा यह जानकारी प्रदान की गई ।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति अनुरूप पोर्टफोलियो असेसमेंट में सभी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करें - कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (एनईपी): शिक्षा में व्यापक परिवर्तन की परिकल्पना संयुक्त राष्ट्र के 79वें स्थापना दिवस के अवसर पर जेएनआईबीएम में 4 डी कार्यक्रम उज्जैन। संयुक्त राष्ट्र के 79वें स्थापना दिवस के अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (जेएनआईबीएम), विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में 4डी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभिमुखीकरण, दीक्षा एवं मैत्रीय मिलन कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज के आशीर्वचन उद्बोधन से हुआ, जिसमें उन्होंने छात्रों को उनके करियर उद्देश्यों की स्पष्टता और व्यक्तित्व विकास के महत्व पर जोर दिया। कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने विशेष रूप से डिजाइन किए गए 4 डी कॉम्बो प्रोग्राम के माध्यम से छात्रों को मैत्रीय मिलन और अभिमुखीकरण कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, "नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत, हमें पोर्टफोलियो असेसमेंट और बहुरूपी मूल्यांकन के माध्यम से छात्रों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। यह न केवल उनकी अकादमिक सफलता में सहायक होगा, बल्कि उनके समग्र विका...

राजनीति विज्ञान अध्ययनशाला में संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया गया

उज्जैन। आज दिनांक 24.10.24 को राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रशासन अध्ययनशाला, विक्रम विश्वाविद्यालय उज्जैन मे संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थापना दिवस के अवसर पर पूर्व विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष प्रो दीपिका गुप्ता की अध्यक्षता में  विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्रो गुप्ता ने संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकता और भूमिका पर प्रकाश डाला।   कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. वीरेंद्र चावरे रहे। डॉ चावरे द्वारा अपने विशिष्ट व्याख्यान में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना से लेकर वर्तमान में वैश्विक भूमिका तक विस्तार से प्रकाश डाला गया।  डॉ अजय सिंह भदौरिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए।  कार्यक्रम में स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डॉ नलिन सिंह पंवार ने दिया। आभार डॉ कनिया मेड़ा ने माना। इस अवसर पर माननीय कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज  की मंशा अनुरूप सतत विकास लक्ष्य एसडीजी से सम्बन्धित पोस्टर का विमोचन भी किया गया।  इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ शिवकुमार कुशवाह, डॉ उमा शर्मा, डॉ ज्योति चौहान एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में "स्वर्णप्राशन कार्यक्रम" 24 अक्टूबर को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 24 अक्टूबर 2024 गुरूवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें। प्रत्येक बालक/बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रु. 50/- निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा तथा आर. एम. ओ. डॉ. हेमन्त मालवीय ने जानकारी दी कि चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में शिशुओं तथा बालक-बालिकाओं को प्रातः 10:00 बजे से स्वर्णप्राशन कराया जायेगा। उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ कालिदास प्रसंग के अंतर्गत विशिष्ट व्याख्यान एवं परिसंवाद का आयोजन

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की संस्कृत ज्योतिर्विज्ञान वेद अध्ययनशाला, अंग्रेजी अध्ययनशाला एवं हिंदी अध्ययनशाला द्वारा कालिदास समिति एवं कालिदास संस्कृति अकादमी के सहयोग से अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2024 के पूर्वरंग के अंतर्गत कालिदास प्रसंग - विशिष्ट व्याख्यान एवं परिसंवाद का आयोजन किया गया।  इसकी जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक प्रो बी के आंजना विभागाध्यक्ष संस्कृत ज्योतिर्विज्ञान वेद अध्ययनशाला उज्जैन  ने बताया कि इस प्रतिष्ठापूर्ण कार्यक्रम के अध्यक्षता माननीय प्रो अर्पण भारद्वाज कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय ने की। सारस्वत अतिथि प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय, विशिष्ट अतिथि प्रो अंजना पांडे विभाग अध्यक्ष अंग्रेजी अध्ययनशाला तथा मुख्य वक्ता महामहोपाध्याय डॉ गोविंद गन्धे निदेशक कालिदास संस्कृत अकादमी थे।   कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु अर्पण भारद्वाज ने सभी विद्यार्थियों से अखिल भारतीय कालिदास समारोह को सफल बनाने के लिए आवाहन करते हुए कहा कि सभी विद्यार्थी शोधार्थी आचार्य गण, कला साधक एवं गणमान्...

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