उज्जैन। संसद द्वारा पारित तीन नए आपराधिक कानूनों , भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा तीन वर्षीय एवं पांच वर्षीय एलएल.बी. पाठ्यक्रमों में संशोधित कर परीक्षा योजना में सम्मिलित किया गया। 70 के दशक के पुराने आपराधिक कानून जिनका उद्देश्य दंड देना था एवं वे अंग्रेजी शासन काल के प्रतीक रहे ऐसे कानून को समाप्त कर न्याय की अवधारणा पर आधारित नवीन आपराधिक विधियों का निर्माण भारतीय संसद द्वारा हाल ही में किया गया जो निश्चित ही भारतीय न्याय प्रणाली में न्याय की सोच को विकसित करेगा।
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जिसने 01 जुलाई 2024 को लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों का पाठ्यक्रम तैयार कर सत्र 2024-25 में नए कानूनों के आधार पर विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के समस्त विधि महाविद्यालयों एवं विधि अध्ययनशाला में अध्यापन एवं परीक्षा आयोजित करने का निर्णय विक्रम विश्वविद्यालय विधि अध्ययन मंडल की 9 अगस्त 2024 को आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक में विधि अध्ययन मंडल अध्यक्ष डॉ. अनुराधा तिवारी, विधि संकायाध्यक्ष डॉ. अरुणा सेठी, सहा. कुलसचिव श्री सी. आर. पंवार सदस्यगण डॉ.अजय चौहान, डॉ.विवेक नागर, डॉ. ईश्वर शर्मा, श्रीमती पूजा इसरानी ,श्री श्याम वर्मा आदि उपस्थित रहे। विक्रम विश्वविद्यालय कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज एवं कुलानुशासक डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा एवं प्रो. डी.डी. बेदिया विभागाध्यक्ष विधि अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा विधि अध्ययन मंडल के सदस्यों को पाठयक्रम रचना हेतु बधाई प्रेषित की।
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