Skip to main content

निःशुल्क दमा रोग चिकित्सा शिविर सफलता पूर्वक संपन्न

उज्जैन। 16 अक्टूबर 2024 को शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर डॉ. प्रकाश जोशी एवं इंद्रा नगर मित्र मंडली द्वारा इंदिरा नगर में 27वां निःशुल्क दमा रोग चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। पिछले 27 वर्षों से डॉ. जोशी दमा रोगियों के लिए इस शिविर का आयोजन कर रहे हैं। 

इस बार शिविर का आयोजन एलआईजी 2-172 में किया गया, जहां गुजरात, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत मध्य प्रदेश के अन्य जिलों से भी रोगियों ने चिकित्सा लाभ प्राप्त किया। शिविर में 450 से अधिक रोगियों ने निःशुल्क चिकित्सकीय परामर्श लिया।

शरद पूर्णिमा की रात औषध युक्त खीर का निर्माण चंद्रमा की रोशनी में किया गया। आयुर्वेद के त्रिदोष सिद्धांत के अनुसार दमा के रोगों में वात, पित्त और कफ का संतुलन आवश्यक है। शरद ऋतु में पित्त दोष का प्रकोप होता है, इसलिए रोगियों को रात्रि जागरण करवा कर औषध युक्त खीर का सेवन कराया गया।

इस दौरान बाल भक्त हनुमान मंडल द्वारा सुंदरकांड का गायन किया गया और आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भजन संध्या का आयोजन किया। 

शाम 7 बजे से महाविद्यालय के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. प्रकाश जोशी, डॉ. निरंजन सराफ और एमडी छात्रों ने 400-450 रोगियों को निःशुल्क चिकित्सकीय परामर्श दिया। ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजे औषध युक्त खीर का वितरण किया गया और सूर्योदय के बाद 50 रोगियों ने कर्णवेधन चिकित्सा का लाभ भी लिया।

इस शिविर के आयोजन में उज्जैन नगर प्रशासन एवं शासकीय धन्वंतरी आयुर्वेद महाविद्यालय का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar