Skip to main content

लय और ताल से सवारे जिंदगी : आईआईपीएस में गरबा उत्सव का आयोजन

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (आईआईपीएस) प्रबंध संस्थान में गरबे के माध्यम से प्रबंधन संदेश दिया गया। जीवन की किसी भी समस्या को लय, ताल और उत्साह के अद्भुत मिश्रण से चुनौती दी जा सकती है।

आईआईपीएस विभाग में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी एक दिवसीय गरबा का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विद्यार्थियों ने गरबे की अनेक रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। विभाग के निदेशक डॉ. एस. के. मिश्रा ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि हमारे देश की विशेषता धर्मनिरपेक्षता है और सबसे अच्छी बात यह है कि भारत का हर नागरिक एक-दूसरे के विश्वास और संस्कृति का सम्मान करता है। हम हर अवसर को प्रार्थना, गायन, नृत्य और रंगीन कपड़े पहनकर उत्साह के साथ मनाते हैं।

इस गरबा उत्सव में छात्रों के साथ शिक्षकगण ने भी प्रस्तुतियां देकर समन्वयता का उदाहरण प्रस्तुत किया। गरबा किंग रहे एमबीए प्रथम सेमेस्टर के छात्र मधुर मेश्राम और गरबा क्वीन रही एमबीए तृतीय सेमेस्टर की छात्रा इशिका जायसवाल। संपूर्ण आयोजन में विभाग के समन्वयक डॉ. नागेश पाराशर, शिक्षकगण डॉ. टीना यादव, डॉ. निधि चौहान, डॉ. नेहा वर्मा और कर्मचारी सुनील मालवीय भी मौजूद रहे। 

इस प्रकार, गरबा उत्सव ने न केवल सांस्कृतिक विविधता को दर्शाया, बल्कि विद्यार्थियों के बीच एकता और सामंजस्य का भी संदेश दिया।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar