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भारतीय भाषा एवं संस्कृति केंद्र द्वारा एनआईटीटीटीआर भोपाल को राजभाषा दिगंत पुरस्कार

भोपाल। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर) भोपाल की राजभाषा पत्रिका “संपर्क सरिता” को हाल ही में 'राजभाषा दिगंत पुरस्कार' से अंडमान निकोबार के मुख्य सचिव श्री केशव चंद्र द्वारा सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार हिंदी भाषा के विकास और प्रचार में उत्कृष्टता के लिए भारतीय भाषा एवं संस्कृति केंद्र, नई दिल्ली द्वारा दिया जाता है।

इस पुरस्कार को संस्थान के निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने ग्रहण करते हुए कहा कि, "यह पुरस्कार हमारे लिए गर्व का क्षण है। किसी भी संस्थान की पत्रिका उस संस्थान की गतिविधियों का प्रतिबिंब होती है तथा संस्थान की छवि निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करती है। “संपर्क सरिता” विगत 25 वर्षों से निरंतर हिंदी के प्रचार-प्रसार में संस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए अग्रणी भूमिका निभाती रही है। हमारी राजभाषा पत्रिका “संपर्क सरिता” ने शिक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने का कार्य किया है। हम इसे आगे भी जारी रखेंगे। संस्थान राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार की दिशा में सतत प्रयत्नशील है तथा राजभाषा के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहा है।"

संस्थान के राजभाषा समन्वयक व “संपर्क सरिता” के संपादक डॉ. पी.के. पुरोहित ने कहा कि वर्ष 1999 से प्रारंभ हुई त्रैमासिक पत्रिका “संपर्क सरिता” की सार्थक यात्रा सतत रूप से जारी है। इस पत्रिका ने एक बहुत ही लंबा सफर तय करते हुए 25 वर्ष पूर्ण किए हैं और देशभर के विभिन्न संस्थानों के बीच लोकप्रियता हासिल की है। इस पुरस्कार से संस्थान को और अधिक प्रेरणा मिली है कि वे हिंदी में गुणवत्तापूर्ण सामग्री का प्रकाशन जारी रखें। एनआईटीटीटीआर भोपाल की यह उपलब्धि हिंदी भाषा के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है और संस्थान के समर्पण को दर्शाती है।

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