उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की रसायन एवं जैवरसायन, भौतिकी अध्ययनशाला एवं फार्मेसी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 15-16 अक्टूबर 2024 को किया जा रहा है। इस संगोष्ठी का विषय "फ्यूचरिस्टिक साइंस एंड टेक्नोलॉजी: ब्रिजिंग ट्रेडीशनल एंड मॉडर्न रिसर्च" है।
इस संगोष्ठी में यूनिवर्सिटी ऑफ उटाह, अमेरिका के न्यूरो साइंटिस्ट प्रो. नागेश्वर नागराजन ऑटिज्म जागरूकता और उचित चिकित्सीय पद्धति के संदर्भ में अपना वक्तव्य देंगे। वे ऑटिज्म, जो एक न्यूरो डेवलपमेंटल स्थिति है, के बारे में चर्चा करेंगे कि कैसे चिकित्सा पद्धतियों से सामाजिक संपर्क और मौखिक तथा शाब्दिक कठिनाइयों को सुधारा जा सकता है। इसके साथ ही, वे पालकों के साथ संवाद भी करेंगे।
संगोष्ठी में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डॉ. धनंजय "बायो सेंसिंग स्ट्रैटेजिस फॉर स्क्रीनिंग का बायोमोलीक्यूलिस एंड देयर एप्लीकेशंस" पर, और डॉ. पीयूष बागदरे, मेडिकल फिजिसिस्ट और रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर इंदौर, "रेडियोलोजी" पर अपने विचार साझा करेंगे। इसके अलावा, आशीष शर्मा, आचार्य शासकीय धनवंतरी कॉलेज उज्जैन, पंचकर्म पर, डॉ. रजनीश शर्मा भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान इंदौर, और प्रो. मनमोहन सतनामी तथा अरूप नियोगी भी विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रकट करेंगे।
इस संगोष्ठी के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसरण में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के पारंपरिक ज्ञान तथा अत्याधुनिक शोध के माध्यम से छात्रों में भविष्य के नए आयाम सृजित करने का प्रयास किया जाएगा।
संगोष्ठी का शुभारंभ विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज के करकमलों द्वारा किया जाएगा। संगोष्ठी का संयोजन डॉ. उमा शर्मा (आचार्य एवं अध्यक्ष, रसायन एवं जैव रसायन अध्ययनशाला), डॉ. स्वाती दुबे (आचार्य एवं अध्यक्ष, भौतिकी अध्ययनशाला), और डॉ. कमलेश दशोरा (आचार्य एवं अध्यक्ष, फार्मेसी संस्थान) के निर्देशन में किया जा रहा है। इस अवसर पर संगोष्ठी में सहभागिता करने वाले शोध छात्रों और शिक्षकों द्वारा किए गए शोध कार्यों की सार पुस्तिका का विमोचन भी किया जाएगा।
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