Skip to main content

केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल द्वारा ग्राम जैतपुरा में ट्रैक्टर ट्रेलर द्वारा मानव परिवहन के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की जागरूकता एवं सुरक्षा कार्यक्रम का सफल आयोजन

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏

भोपाल । भा. कृ. अनु. प. - केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल के अंतर्गत कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र में श्रम विज्ञान एवं सुरक्षा पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसन्धान परियोजना द्वारा 16 अक्टूबर 2024 को ग्राम जैतपुरा, जिला भोपाल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

यह कार्यक्रम इस परियोजना द्वारा 14 से 16 अक्टूबर 2024 के दौरान चलाये जा रहे ट्रैक्टर-ट्रेलर और कृषि मशीनों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम पर राष्ट्रीय स्तर के जागरूकता अभियान के अंतर्गत समन्वय इकाई तथा सहयोगी केंद्र सी. आई. ए. ई. (CIAE) भोपाल द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में डॉ सुखबीर सिंह, परियोजना समन्वयक ने कृषि में सुरक्षा एवं सावधानियों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र में सुरक्षा के मुद्दों का आकलन करना और सुरक्षा उपकरणों, विधियों और रणनीतियों को विकसित करना साथ ही कृषि और संबद्ध क्षेत्र में दुर्घटनाओं को कम करना है। इस अवसर पर 100 से अधिक किसानो ने उपस्तिथि दी तथा विद्यालय के छात्रों ने बढ़-चढ़कर विभिन्न स्पर्धाओं में भाग लिया। इसके अतिरिक्त श्री रामप्रसाद  चौकसे (सरपंच), श्री भैरोसिंह मीणा (प्रगतिशील किसान), श्री ओमप्रकाश मीणा एवं श्री कमल सिंह मीणा कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। डॉ भूषण बाबू ने कृषि में होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। साथ ही सुरक्षा संबंधित सावधानियाँ तथा सुझावों को विस्तार से बताया। 

इसके बाद डॉ राजेश्वर सनोडिया ने ट्रैक्टर ट्रेलर प्रणाली के विषय में जानकारी दी तथा ट्रैक्टर ट्रेलर द्वारा मानव परिवहन के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि, ट्रैक्टर ट्रेलर का प्रयोग कृषि कार्यो में ही करें एवं सुरक्षित सीमा में ही कृषि उत्पादों को भरें। इसी विषय पर डॉ बिक्रम ज्योति ने बताया कि, ट्राली के पीछे का रंग हल्का जैसे सफ़ेद या पीला रखें ताकि वह रात में भी दिखाई दे सके। उन्होंने बताया कि, ट्रॉली में भी ब्रेक होने चाहिए तथा ट्राली के पीछे भी टर्निंग इंडिकेटर लाइट लगवाए जिसका अधिकतम खर्च 500 रुपए तक आएगा। इस अवसर पर 50 किसानों को धीमी गति वाहन सूचक निशान वितरित किये गए तथा मौके पर उपस्थित 10 ट्रॉलियों पर लगाए गए। डॉ मनोज कुमार ने कृषि के अन्य उपकरण जैसे की थ्रेशर एवं चारा कटाई यंत्रों से संबंधित दुर्घटनाओं एवं सुरक्षा उपायों पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने बताया कि, स्प्रेइंग के दौरान कौन-कौन से सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग जरुरी है। छात्रों को जागरूकता के विषय में अवगत करने के लिए डॉ अमन माहोरे एवं ओमप्रभा द्वारा सुरक्षा सम्बन्धी प्रश्नोत्तरी एवं खेल खुद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे श्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरुस्कृत किया गया। 

अंत में डॉ मनोज कुमार ने कार्यक्रम में आये सभी किसान बंधुओं एवं छात्रों का धन्यवाद किया तथा कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।

✍ राधेश्याम चौऋषिया 

Radheshyam Chourasiya

Radheshyam Chourasiya II

● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

"बेख़बरों की खबर" फेसबुक पेज...👇

Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर

"बेख़बरों की खबर" न्यूज़ पोर्टल/वेबसाइट... 👇

https://www.bkknews.page

"बेख़बरों की खबर" ई-मैगजीन पढ़ने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें...👇https://www.readwhere.com/publi.../6480/Bekhabaron-Ki-Khabar

🚩🚩🚩🚩 आभार, धन्यवाद, सादर प्रणाम। 🚩🚩🚩🚩

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar