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शिक्षा के निजीकरण के दौर में समुचित एवं प्रभावी नियंत्रण की आवश्कता - कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय

उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने तेलंगाना राज्य की मुख्य सचिव श्रीमती शांति कुमारी एवं आयुक्त उच्च शिक्षा श्रीमती देवीसेना से एक बैठक के दौरान  निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग एवं नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर  मध्य प्रदेश शासन द्वारा किए जा रहें नवीन प्रयासों के बारे में विस्तार से चर्चा की। 

प्रोफेसर पाण्डेय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2000 के आसपास 185 निजी विश्वविद्यालय बिना किसी एक्ट के शुरू हो गए थे, जिसे लेकर तत्कालीन अध्यक्ष विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली  ने मान उच्चतम न्यायालय में पब्लिक इंटरेस्ट लेटीगेशन  दायर की, जिसमें 2005  बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय आया और अधिकतर विश्वविद्यालयों की स्थापना निरस्त हो गई। एक मार्गदर्शिका के माध्यम से नियामक आयोग की स्थापना का सुझाव दियाI आज मध्यप्रदेश में नियामक आयोग पूरी तरह से कार्य कर रहा हैं। 

निजी विश्वविद्यालयों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए आयोग की स्थापना प्रत्येक राज्य को करना आवश्यक हैं। मुख्य सचिव महोदया ने विस्तार से उसकी कार्यशैली पर चर्चा कीI  चर्चा में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जिसका क्रियान्वयन मध्यप्रदेश में सर्वप्रथम हो चुका है, के अनुभवों को भी साझा कियाI

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