उज्जैन। हमेशा सकारात्मक विचार रखें और नकारात्मकता को अपने जीवन में जगह न दें। यह विचार डॉ. सतविंदर कौर सलूजा, समाजसेवी, ने ब्रह्माकुमारी द्वारा आयोजित "ज्ञान वर्षा, नवरात्रि आध्यात्मिक प्रवचनमाला" में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जो लोग सकारात्मक रहते हैं, वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को भी परास्त कर सकते हैं। कोरोनाकाल में जो लोग सकारात्मक रहे, वे जल्दी ठीक हो गए, जबकि नकारात्मक सोच रखने वाले अवसादित हो गए या जीवन को छोड़ दिया।
डॉ. सलूजा ने आगे कहा कि छोटी-छोटी बातों में उलझने के बजाय समय पर दवाई लें, अच्छा सोचें, सात्विक आहार लें, और चिंता को छोड़ दें। मन पर बीमारी को हावी न होने दें।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी मीना बहन, मुख्य वक्ता, ने कहा कि सभी खुश रहना चाहते हैं, लेकिन हमारी खुशी गायब क्यों हो जाती है? क्या परिस्थितियाँ, व्यक्ति या शारीरिक बीमारियाँ इसके लिए जिम्मेदार हैं? यदि स्वस्थिति ठीक है, सकारात्मक है, दिनचर्या व्यवस्थित है, और बुराई एवं निंदा से दूर हैं, तो खुशी रह सकती है, जिससे अच्छी नींद और चैन की प्राप्ति भी संभव है।
श्री सुलभ शान्तु महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि रामजी सुंदर थे, क्योंकि वे प्रत्येक परिस्थिति को अनुकूल बना लेते थे। सुंदरता सबको भाती है, जबकि बुराई नहीं। बुरा विचार आने से चेहरा भी वैसा हो जाता है। सकारात्मक विचार रखने से नींद भी अच्छी आती है।
ब्रह्माकुमारी उषा बहन, मुख्य संचालिका, ने कहा कि प्रात: उठते ही पहला विचार सकारात्मक होना चाहिए। संकल्प करें कि आज का दिन अच्छा रहेगा और भगवान को हर घंटे शुक्रिया अदा करें। समस्याएँ आती रहेंगी, लेकिन यदि भगवान साथ हैं, तो डरने की कोई बात नहीं है।
प्रवचनमाला का प्रारम्भ ईश्वर आराधना और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। ब्रह्माकुमारी रूबी बहन ने कार्यक्रम का सुचारु संचालन किया।
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