भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल एवं सीपीएससी मनीला द्वारा “तकनीकी , व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण को सशक्त बनाना: भविष्य के कौशल और उभरती प्रौद्योगिकियों पर एक पहल” विषय पर 5 दिवसीय संयुक्त इंटरनेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू हुआ जिसमें 16 देशों के प्रतिभागी भाग ले रहे है। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. के.के शुक्ला निदेशक, मैनिट, भोपाल ने कहा कि आज थियोरिटिकल ज्ञान के साथ साथ प्रैक्टिकल ज्ञान ज्यादा आवश्यक है। प्रैक्टिकल ज्ञान व्यक्ति को उन स्थितियों और चुनौतियों से रूबरू कराता है, जो केवल किताबों या सिद्धांतों से समझी नहीं जा सकतीं। आज स्टूडेंट्स बड़े बड़े जर्नल्स में रिसर्च पेपर्स तो पब्लिश कर लेते हैं परन्तु कई बार छोटी-छोटी स्किल्स सीखना भूल जाते है।
एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक प्रो. सी. सी त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हर स्तर पर व्यवसायिक शिक्षा को महत्व दिया गया है, आज देश में स्किल्ड मैन पॉवर की आवश्यकता ज्यादा है। आज व्यावसायिक शिक्षा का महत्व कई कारणों से बहुत बढ़ गया है जिनमे स्टूडेंट्स के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना, देश के आर्थिक विकास में योगदान, आत्मनिर्भरता और उद्यमिता को बढ़ावा, भविष्य में रोजगार के बदलावों के लिए तैयार करना, पारंपरिक शिक्षा के विकल्प के रूप, कौशल की वैश्विक मांग आदि शामिल हैं। पिछले 10 वर्षों में भारत में इस दिशा में बहुत कार्य हुए है।
सीपीएससी, मनीला के महानिदेशक, डॉ. एस.के. धमेजा, ने कहा कि सीपीएससी, दुनिया भर में शिक्षा के तरीके में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आ रहा है, शिक्षकों को भी अपने आप को अपनी स्किल्स और दक्षता बढ़ानी होगी।
आज पारंपरिक शिक्षण की जगह समस्या-आधारित शिक्षण अधिक प्रासंगिक है। मनीला के डॉ. केशवन उलगानाथन एवं कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. राजेश खंबायत ने 5 दिवसीय कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रदान की तथा कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अनीता लाला ने किया।
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