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विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2024 के अंतर्गत होगी राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी एवं सारस्वत आयोजन, देश के विभिन्न स्थानों के विद्वान भाग लेंगे

विक्रम कालिदास पुरस्कार 2024 के लिए गुणवत्तापूर्ण शोध पत्र आमंत्रित, समारोह में संगोष्ठी के साथ होंगी संस्कृत एवं हिंदी वाद विवाद और कालिदास काव्यपाठ स्पर्धाएं 

उज्जैन। मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन दिनांक 12 से 18 नवंबर 2024 तक किया जा रहा है। इस वर्ष अकादमिक कार्यक्रमों के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के तीन सत्र आयोजित किए जाएंगे। विक्रम कालिदास पुरस्कार 2024 हेतु गुणवत्तापूर्ण शोध पत्रों की प्रविष्टि की अंतिम तिथि 8 नवम्बर 2024 रहेगी। इसके साथ ही कालिदास साहित्य के विविध पक्षों पर केंद्रित शोध पत्र प्रस्तुति के लिए देश के अनेक राज्यों के सुधी विद्वान, प्राध्यापक और शोधकर्ता सम्मिलित होने के लिए उज्जैन आ रहे हैं। शोध संगोष्ठी एवं व्याख्यान सत्रों में देश के विभिन्न स्थानों से सम्मिलित होने वाले विद्वानों में डॉ. बिहारी लाल शर्मा, कुलपति, सपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, प्रो मुरलीमनोहर पाठक, कुलपति, नई दिल्ली, प्रो. कमलनयन शुक्ला, पूर्व विभागाध्यक्ष, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर,  डॉ. मनसुख मौलिया, आचार्य एवं अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय, राजकोट, डॉ. जयप्रकाश नारायण द्विवेदी, पूर्व निदेशक, शारदा इन्डोलोजिकल इंस्टीट्यूट, द्वारिका, डॉ. शशिभूषण मिश्र, आचार्य, श्री सीताराम वैदिक आदर्श महाविद्यालय, कलकत्ता, डॉ. सरोज कौशल जोधपुर आदि प्रमुख हैं।

यह जानकारी देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय की कालिदास समिति के सचिव एवं कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह के सारस्वत आयोजन के अंतर्गत कालिदास साहित्य के विविध पक्षों पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के तीन सत्र दिनांक 13 से 15 नवम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे कालिदास संस्कृत अकादमी के अभिरंग नाट्यगृह में होंगे। अखिल भारतीय अंतरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वादविवाद स्पर्धा दिनांक 16 नवम्बर को दोपहर 2 बजे कालिदास अकादमी में होगी। अखिल भारतीय स्तर की अंतरविश्वविद्यालयीन कालिदास संस्कृत वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय कालिदासीयकाव्येषु यथाऽस्ति सुप्रतिष्ठितम्, तथा मानवमूल्यानां नान्यकाव्येषु गौरवम् रखा गया है। 17 नवम्बर को प्रातः काल 10 बजे राज्य स्तरीय अन्तरमहाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। राज्य स्तर की कालिदास काव्य पाठ  प्रतियोगिता में विद्यार्थियों को श्लोकों का चयन महाकवि कालिदास की अमर कृति रघुवंशम् से करना होगा।  दिनांक 17 नवम्बर को ही दोपहर 2 बजे हिंदी वादविवाद प्रतियोगिता होगी। इस प्रतियोगिता का विषय ‘मानवीय मूल्यों का गौरव केवल महाकवि कालिदास की रचनाओं में प्रतिष्ठित है’, रखा गया है।

प्रो शर्मा ने बताया कि समारोह में विभिन्न संगोष्ठी सत्रों में कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किए गए हैं। शोध पत्र साहित्य, कला, वास्तु, संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व, ज्ञान - विज्ञान, पर्यावरण, दर्शन, जीवन मूल्य, शिक्षा, समाजविज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र आदि के परिप्रेक्ष्य में कालिदास साहित्य के किसी पक्ष से जुड़े हो सकते हैं। राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के तीन सत्रों का आयोजन विश्वविद्यालय मार्ग, उज्जैन स्थित अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास संस्कृत अकादमी में होगा। इनमें से एक विशेष सत्र विक्रम कालिदास पुरस्कार विजेता शोधपत्रों की प्रस्तुति का होगा। शोध पत्र प्रस्तुतकर्ता पंजीयन एवं शोध पत्र प्रेषण के लिए कालिदास समिति कार्यालय, सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान, विक्रम विश्वविद्यालय, देवास मार्ग, उज्जैन में सम्पर्क कर सकते हैं।

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