Skip to main content

मध्य प्रदेश की शतरंज खिलाड़ी चार्वी मेहता भारतीय टीम में

शहर की बेटी किर्गिज़स्तान में शह-मात के खेल शतरंज में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी

उज्जैन। किर्गिज़स्तान की राजधानी बिश्केक में 10 से 18 नवंबर तक आयोजित एशियन चेस चैंपियनशिप हेतु स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, भारत सरकार द्वारा घोषित 8 सदस्यी भारतीय टीम में उज्जैन की चार्वी मेहता का चयन किया गया है। चैंपियनशिप में भारत की ओर से 4 महिला एवं 4 पुरुष खिलाड़ी शिरकत करेंगे। जिसके अनुसार महिला टीम में मध्यप्रदेश की चार्वी मेहता के अतिरिक्त तमिलनाडु की शेरोंन रचेल अभय, दुर्काशी एम, एजहिलरसी जी का चयन किया गया।

यह जानकारी मध्यप्रदेश पैरा चेस एसोसिएशन के प्रदेश सचिव प्रकाश बंसकर ने देते हुए बताया कि,  केन्द्रीय विद्यालय में कक्षा 9वीं में अध्यनरत चार्वी शहर की पहली खिलाड़ी है जो एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर शहर को गौरवांवित कर चुकी है। चैंपियनशिप विश्व शतरंज महासंघ के नियम अनुसार स्विस पद्धति से व्यक्तिगत व सामूहिक वर्ग में आयोजित की जाएगी। चार्वी इंटरनेशनल मल्लखंब अंपायर व विक्रम एवं विश्वामित्र अवॉर्ड से अलंकृत डॉ. आशीष मेहता एवं इंजीनियर तरूश्री मेहता की सुपुत्री है।

उल्लेखनीय की चार्वी चीन में आयोजित एशियन पैरा गेम्स में उलटफेर करते हुए शतरंज के दोनों फॉर्मेट में  चतुर्थ स्थान प्राप्त कर प्रदेश एवं देश को गौरवान्वित करने के साथ ही तृतीय एवं चतुर्थ फिजिकली चैलेंज्ड राष्ट्रीय चैस चैंपियनशिप में महिला वर्ग में राष्ट्रीय विजेता होने का गौरव भी प्राप्त कर चुकी है। राष्ट्रीय खिलाड़ी जयेश खत्री से प्रारंभिक प्रशिक्षण प्राप्त चार्वी वर्तमान में शतरंज के तकनीकी विशेषज्ञ अरबाज खान से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है।


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar