इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक एवं नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय 47वें अखिल भारतीय नागरी लिपि सम्मेलन कार्यक्रम पत्रकारिता एवं संचार सभागार में आयोजन किया गया। जिसमें मध्यप्रदेश के संयोजक डा प्रभु चौधरी को राष्ट्रीय विनोबा नागरी सम्मान से नागरी लिपि परिषद नयी दिल्ली के पदाधिकारियों ने सम्मानित किया। साथ ही संचेतना समाचार पत्र का अभिनंदन विशेषांक का लोकार्पण हुआ। इस मौके पर डॉ. चौधरी ने कहा कि विज्ञान या तकनीक का अस्तित्व और उसकी उपयोगिता इस बात में निहित रहती है कि समाज का एक आम व्यक्ति उसे अपने फायदे के लिये किस तरह इस्तेमाल करता है अथवा दूसरे शब्दों मे कहे कि वह आम जन तक किस रूप में पहुंचती है। सूचना प्रोद्योगिकी जो आईटी के नाम से ज्यादा लोकप्रिय है और इंटरनेट का आविष्कार भी इसका अपवाद नहीं है। जब विश्व सूचना क्रान्ति की बात चल रही थी, तो इसके साथ ही सूचनाओं को पहुंचाने के लिये माध्यम यानी भाषाओं पर ध्यान जाना स्वाभाविक था। शीघ्र ही विशेषज्ञ इन प्रयासों में लग गए कि भाषाओं को तकनीक के साथ किस प्रकार मिलाया जाए, ताकि भाषाएँ ...