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विक्रम विश्वविद्यालय में जुटेंगे देश के विभिन्न राज्यों के उच्च शिक्षा से जुड़े लेखकगण

हिंदी माध्यम से स्तरीय एवं गुणवत्तापूर्ण पाठ्यपुस्तक लेखन के लिए विभिन्न विषयों के लेखकों की कार्यशाला होगी 6 एवं 7 दिसंबर 2024 को होगी 

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में यूजीसी, नई दिल्ली एवं भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से हिंदी माध्यम से स्तरीय एवं गुणवत्तापूर्ण पाठ्यपुस्तक लेखन के लिए विभिन्न विषयों के लेखकों की दो दिवसीय कार्यशाला 6 एवं 7 दिसंबर 2024 को होगी। इस कार्यशाला का शुभारंभ 6 दिसम्बर को प्रातः 11 बजे विक्रम विश्वविद्यालय के पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला सभागार में होगा। आयोजन के सारस्वत अतिथि पूर्व कुलपति प्रो बालकृष्ण शर्मा होंगे। अध्यक्षता कुलपति प्रो अर्पण भारद्वाज करेंगे। विशिष्ट अतिथि डॉ चंदन श्रीवास्तव, वाराणसी होंगे। 

यह जानकारी देते हुए कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा एवं मुख्य समन्वयक ने बताया कि 6 एवं 7 दिसम्बर 2024 को विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में आयोजित इस कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों के लेखकगण भाग लेने के लिए आ रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 शैक्षिक क्षेत्रों के सभी स्तरों पर भारतीय भाषाओं पर महत्वपूर्ण बल देती है। देश की भाषाई समृद्धि और बहुभाषी समाज को देखते हुए, भारतीय भाषाओं में सामग्री निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिंदी भाषा के लिए विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन को नोडल विश्वविद्यालय बनाया गया है। यह कार्यशाला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संकल्पना के अनुरूप भारतीय भाषाओं में स्तरीय और गुणवत्तापूर्ण पाठ्यपुस्तक और सन्दर्भ ग्रंथों के लेखन एवं प्रकाशन की दिशा में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में डॉ सुनीता सिंह, नई दिल्ली, डॉ रचना विश्वकर्मा, गया, बिहार, डॉ रामकिशोर, नई दिल्ली आदि सम्मिलित होंगे।

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