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प्रवासी भी मातृभूमि का ऋण चुकाने को तत्पर - प्रो. अर्पण भारद्वाज, कुलगुरु

पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंधन संस्थान (जेएनआईबीएम), विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस पर विशिष्ट व्याख्यान प्रसंग

उज्जैन। पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंधन संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस पर आयोजित विशिष्ट व्याख्यान प्रसंग में मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज, कुलगुरु, विक्रम विश्वविद्यालय ने अपने संबोधन में कहा कि हर प्रवासी अपनी मातृभूमि का कर्ज चुकाने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए जितना बन पड़ेगा, संस्थाओं के स्तर पर बन पड़ेगा, और विश्वविद्यालय इस दिशा में सहयोग करेगा। प्रो. भारद्वाज ने म.प्र. कॉन्क्लेव की सकारात्मक पहल की सराहना करते हुए बताया कि इसके परिणाम सुखद आ रहे हैं। उन्होंने उज्जैन को दुनिया के प्रवासी नक्शे पर लाने के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि मध्य प्रदेश में औद्योगिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन क्षेत्र में अनंत संभावनाएं हैं। अब मध्य प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है, और इसे और अधिक प्रगति के लिए फोकस करना होगा।

इस अवसर पर सुश्री डॉ. संध्या सक्सेना, अध्यक्ष, मानव अधिकार आयोग, म.प्र. (महिला प्रकोष्ठ), संचालिका अनुभूति दीवा केंद्र, वरिष्ठ नागरिक मनोरंजन केंद्र और पूर्व विद्यार्थी, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। डॉ. सक्सेना ने अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस पर महिला, युवा और वृद्धजनों के प्रवासियों की स्थितियों पर अपने विशिष्ट चिंतन को उदाहरणों के माध्यम से प्रस्तुत किया और भारतीय श्रेष्ठता को प्रतिपादित किया। उन्होंने नई प्रबंध पीढ़ी को प्रवासी समस्याओं से बचने के लिए मार्गदर्शन भी दिया और अपने खट्टे-मीठे अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी अनुभवों को साझा किया।

संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस के अवसर पर जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता, निदेशक, पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (जेएनआईबीएम) ने बताया कि दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या 28.1 करोड़ हो चुकी है, जिससे हर आठ में से एक व्यक्ति प्रवासी है। उन्होंने वैश्विक प्रवास से जुड़े गंभीर मुद्दों पर चर्चा करने और छात्रों व शिक्षकों को जागरूक करने का अवसर प्रदान किया।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रो. मेहता ने डॉ. संध्या सक्सेना के विश्वविद्यालय और संस्थान में उनके योगदान की सराहना करते हुए समाज सेवा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनके योगदान पर प्रकाश डाला।

एफसीए प्रो. डॉ. दीपक गुप्ता, अध्यक्ष, प्रबंध अध्ययन मंडल, और प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान, प्रबंध संकाय अध्यक्ष ने इस सामयिक आयोजन पर हर्ष व्यक्त किया। पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, आईआईसी-आईक्यूएसी कोऑर्डिनेटर डॉ. नयनतारा डामोर ने अतिथियों का स्वागत किया, और प्रबंध संकाय एवं भारत अध्ययन केंद्र के निदेशक डॉ. सचिन राय ने प्रश्नोत्तर सत्र का संचालन करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन और रोजगार चुनौतियां प्रवास पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं।

प्रो. डॉ. डी.डी. बेदिया, निदेशक, आईक्यूएसी ने विद्यार्थियों और समुदाय को जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया और डॉ. धर्मेंद्र मेहता को बधाई देते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।

यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों और समाज के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बना, जिसमें प्रवासी मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चाएं की गईं और भविष्य की दिशा पर विचार किए गए।

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