भारत की गौरवशाली परम्परा में बलिदान दिवस स्वाभिमान का प्रतीक - कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान में संस्कृति मंत्रालय के निर्देशानुसार 26 दिसम्बर को बलिदान सप्ताह के समापन अवसर पर "वीर बाल दिवस" का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने कार्यक्रम की शुरुआत की और वीर बाल दिवस के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने इस दिन को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बताते हुए भारतीय संस्कृति और परंपराओं की महत्ता पर जोर दिया।
इस अवसर पर उन्होंने अपराजित योद्धा दिव्यांग शोधार्थी श्री अभय जायसवाल का सम्मान भी किया। श्री जायसवाल ने 40% विकलांगता से जंग लड़ते हुए चार वर्षों में अपने शोध को पूरा किया, जिसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने श्री अभय जायसवाल को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रेरणादायक कदम युवा पीढ़ी के लिए एक आदर्श है।
उन्होंने भारत की गौरवशाली परंपराओं में स्वाभिमान जागृत करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि 20 दिसम्बर से 26 दिसम्बर तक बलिदान सप्ताह के दौरान गुरु गोविंद सिंह जी के चालीस सिंहों, उनके चार पुत्रों और माता गुज़री के बलिदान को स्मरण करना एक बहुत अच्छा प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा केंद्रों में देश के गौरवशाली इतिहास के पृष्ठों को उजागर करने के प्रयास निरंतर होते रहने चाहिए।
इस कार्यक्रम में पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी और उनके बलिदानी पुत्रों का स्मरण हमें नव प्रेरणा देता है। यह हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है और देश के युवा इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सिख समाज के संभागीय प्रवक्ता और सेवानिवृत्त वरिष्ठ बैंक अधिकारी श्री एस एस नारंग ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी और उनके वीर पुत्रों का संदेश यह है कि सत्य और न्याय के लिए, ज़ुल्म के प्रतिकार और धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों का महत्व होना चाहिए।
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि डॉ. महेंद्र इंगोले, प्रोफेसर संकाय अध्यक्ष छ.शि.म. विवि पनवेल (नवी मुंबई) थे। उन्होंने अध्यक्षीय आशीर्वाद देते हुए भारत के गौरवशाली इतिहास के बारे में कहा कि यह अमर शहीदों के योगदान से भरा हुआ है। हमें गुरु गोविंद सिंह जी के बलिदानी पुत्रों के त्याग से प्रेरणा लेकर अपने राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, संकायाध्यक्षगण प्रो. डॉ. उमा शर्मा, प्रो. डॉ. उमेश सिंह, प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान ने भी अपने शुभकामना संदेश प्रेषित किए।
अतिथि परिचय पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने दिया। परिसंवाद के अंत में शोधार्थीगण पल्लवी शर्मा, शिल्पी सावंत, वसीम खान, राजलक्ष्मी गर्ग, सचिन बघेल, अजय जायसवाल ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। श्री गोविंद तोमर ने आभार व्यक्त किया।
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