Skip to main content

एसओईटी में C++ एवं ऑटोकैड पर सात दिवसीय निःशुल्क कार्यशाला संपन्न

उज्जैन। स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विक्रम विश्वविद्यालय में विकसित भारत अभियान, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, एस.डी.जी. के अंतर्गत सात दिवसीय निःशुल्क सॉफ्टवेयर ट्रेंनिंग कार्यशाला का आयोजन 3M सॉफ्टवेयर कंपनी के द्वारा किया गया। दिनांक 9 दिसंबर 2024 से 14 दिसंबर 2024 तक प्रोग्रामिंग इन c++ एवं ऑटोकैड के ऊपर महत्वपूर्ण व्याख्यान एवं प्रैक्टिकल कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

इस कार्यशाला के संयोजक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के एचओडी अमित ठाकुर एवं समन्वयक मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट कोड खेमराज बैरागी थे।

3m सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा तीन ट्रेनर अभिषेक जैन, रोहित श्रीवास्तव के नेतृत्व में C++ की प्रोग्रामिंग समझाइ गई। 

C एवं C++ की ट्रेनिंग इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर साइंस एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है ।

ट्रेनर हेमंत सिंह झाला के द्वारा ऑटोकेड की वर्कशॉप ली गई। सिविल इंजीनियरिंग मैकेनिकल इंजीनियरिंग एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ब्रांच के लिए ऑटोकैड अत्यंत महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है। जिससे विद्यार्थियों के लिए करियर के कई ऑप्शंस रहते हैं, साथ ही इंडस्ट्री के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर होता है।

इस वर्कशाप का विद्यार्थियों के साथ-साथ फैकल्टी को भी लाभ मिला। इस पूरी वर्कशॉप में 100 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे।

14 दिसंबर 2024 को प्रमाण पत्र वितरण के साथ ही इस वर्कशाप का समापन कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज एवं कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा की गरिमा में उपस्थिति में किया गया। माननीय कुलगुरु ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए भविष्य में ऐसी कई रोजगारपरक वर्कशॉप कॉन्फ्रेंस एवं सेमिनार का आयोजन करवाने की बात कही।

कुलानुशासक डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा द्वारा विद्यार्थियों को बधाई प्रेषित की गई। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने अध्ययन के साथ-साथ अपनी स्किल्स को बढ़ाएं और अपना क्रेडिट स्कोर अच्छा रखें। 

स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर प्रोफेसर संदीप कुमार तिवारी ने 3M सॉफ्टवेयर कंपनी का आभार माना कि उनके द्वारा इस वर्कशाप का पूर्णता पूर्णता निःशुल्क वर्कशॉप का आयोजन किया गया था। हम आगे भी इसी तरह स्किल डेवलपमेंट पर कार्यशाला का आयोजन करवाते रहेंगे।

कार्यक्रम का सफल संचालन अमृता शुक्ला एवं नेहा सिंह द्वारा किया गया।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...