उज्जैन। नेशनल स्टार्टअप डे के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय ने भारतीय स्टार्टअप परिदृश्य में पिछले एक दशक में आई जबरदस्त प्रगति और बदलाव को सलाम किया। कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने विद्यार्थियों और संकायों से स्टार्टअप इंडिया पहल में अपनी सक्रियता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र श्री राधेश्याम गुप्ता का अभिनंदन करते हुए सभी युवा उद्यमियों को बधाई दी।
कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ. धर्मेंद्र मेहता को 9वें स्टार्टअप संस्करण की अग्रणी और अनुकरणीय पहल के लिए बधाई दी। उन्होंने सामुदायिक स्तर पर इस तरह के आयोजनों के विस्तार की आवश्यकता को प्रमुखता से उठाया।
श्री राधेश्याम गुप्ता द्वारा लगभग ₹ 5 करोड़ की प्रस्तावित डीसीपी स्टार्टअप परियोजना ताजपुर औद्योगिक क्षेत्र में प्रारम्भ की है। प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने इस परियोजना के लिए श्री राधेश्याम गुप्ता का अभिनंदन करते हुए उनके मलेशिया और सिंगापुर में एक दशक से अधिक का स्टॉक कंसल्टिंग अनुभव, जो उनकी सफलता में सहायक रहा है, पर प्रकाश डाला।
श्री राधेश्याम गुप्ता ने राष्ट्रीय परिदृश्य को रेखांकित करते हुए बताया कि 31 अक्टूबर 2024 तक भारत में 73,151 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स में से प्रत्येक में कम से कम एक महिला निदेशक है, जो महिला उद्यमिता के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। इसके साथ ही, 2016 से अब तक स्टार्टअप्स सेक्टर ने 16.6 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित की हैं।
श्री गुप्ता ने इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज, एमबीए संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता, इनक्यूबेशन सेंटर के संकायाध्यक्ष प्रो. डॉ. उमेश सिंह और डॉ. शेखर दिसावल के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शोधार्थियों को अपनी सुलभता के प्रति आश्वस्त किया और भविष्य में उनका मार्गदर्शन जारी रखने का वचन दिया।
यह आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय के समर्पण को प्रदर्शित करता है, जो अपने विद्यार्थियों और उद्यमियों को स्टार्टअप क्षेत्र में प्रोत्साहन देने के लिए लगातार नए अवसर प्रदान कर रहा है।
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