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मालवा प्रागैतिहासिक काल से रहा है मानवीय सभ्यता का महत्वपूर्ण क्षेत्र - प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा

छतरपुर के युवाओं को दी मालवी भाषा एवं मालवी संस्कृति के बारे में अमूल्य जानकारी

उज्जैन। नेहरू युवा केन्द्र, उज्जैन द्वारा 5 से 9 जनवरी के मध्य चल रहे अंतर जिला युवा आदान प्रदान कार्यक्रम के द्वितीय दिवस पर विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक एवं विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने मालवी भाषा और संस्कृति पर विशिष्ट व्याख्यान दिया। उन्होंने युवाओं को मालवी भाषा, उपबोलियों, साहित्य एवं संस्कृति के बारे में अमूल्य जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि मालवा प्रागैतिहासिक काल से मानवीय सभ्यता का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यहाँ की संस्कृति अत्यंत समृद्ध है। मालवी भाषा की मधुरता की प्रशंसा सदियों से यहां आने वाले यात्रियों, सन्तों और साहित्यकारों ने की है। मालवा क्षेत्र का बाहरी रूप जितना मनोरम है, उतना ही सुन्दर, कोमल और आत्मीय है इसका अंतरंग। यहाँ की भाषा मनोहर और सुस्पष्ट है। मालवा क्षेत्र के जल, पर्यावरण, लोकजीवन, परम्पराएँ और सदैव सुकाल की अवस्था सदियों से देश दुनिया के लोगों को आकर्षित करती आ रही है। मालवा क्षेत्र मध्यप्रदेश और राजस्थान के लगभग बाइस जिलों में विस्तार लिए हुए है। इन क्षेत्रों के दो करोड़ से अधिक निवासी मालवी और उसकी विविध उपबोलियों का व्यवहार करते हैं। मालवी लोक साहित्य की विधाएँ और लोक नाट्य माच की परंपरा सदियों से लोक मानस को प्रतिबिंबित कर रहे हैं।


तत्पश्चात् डॉ. परमानन्द गान्धार एवं टीम और छतरपुर के युवाओं द्वारा मालवी लोक गीत की प्रस्तुति के माध्यम से अतिथियों को आकर्षित किया। कार्यक्रम में दिलीप सिंह परमार द्वारा संवाद शैली पर व्याख्यान दिया गया एवं डॉ आर एम शुक्ला द्वारा युवाओं को मार्गदर्शन किया गया। 

नेहरू युवा केन्द्र, उज्जैन द्वारा 5 से 9 जनवरी के मध्य चल रहे अंतर जिला युवा आदान प्रदान कार्यक्रम के द्वितीय दिवस का शुभारंभ योग अभ्यास से हुआ। प्रतिभागियों द्वारा योगा शुभ रूपांतरण सामाजिक संस्थान में जाकर राजीव पाहवा के निर्देशन में योगाभ्यास किया।

सभी प्रतिभागियों को तीसरे दिवस की कार्य योजना से अवगत कराया। तत्पश्चात अतिथि एवं वक्ताओं का आभार अभिलाष म्हस्के जिला युवा अधिकारी नेहरू युवा केंद्र उज्जैन द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जितेन्द्र सेनी, दारा सिंह चौधरी, लोकेन्द्र सिंह तंवर, इंद्रप्रीत सिंह एवं संजय राज उपस्थित रहे।

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