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खिलाडियों को खेल शरीरक्रिया विज्ञान का ज्ञान होना जरूरी : डॉ नमन सारस्वत

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की शारीरिक शिक्षा एवं खेल अध्यनशाला में दो दिवसीय विशेष व्याख्यान माला आयोजित की जा रही है। कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज की अध्यक्षता में आयोजित दो दिवसीय विशेष व्याख्यानमाला के अवसर पर शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के निदेशक एवं विभागाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र चावरे ने विशेषज्ञों का परिचय और स्वागत भाषण दिया। निदेशक एवं विद्यार्थियों ने डॉ नमन सारस्वत, डॉ प्रतिभा शर्मा और डॉ श्वेता भल्ला का सम्मान किया।

विशेष व्याख्यान में शा.महा. मकड़ोंन, उज्जैन डॉ नमन सारस्वत ने कहा कि "खिलाड़ियों को खेल शरीरी क्रिया विज्ञान का ज्ञान होना बहुत आवश्यक हैं। सामान्य ब्लड- प्रेशर, हृदय गति एवं श्वसन गति कितनी होती है और अभ्यास के दौरान कितनी हैं। अभ्यास द्वारा खेल गतिविधि के दौरान हम इसे अधिकतम कहाँ तक ले जा सकते है। इसके बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

डॉ प्रतिभा शर्मा मोटिवेशनल स्पीकर,फाउंडेशन - स्ट्रेंथ ऑफ पॉजिटिविटी ने अपने प्रभावी उद्बोधन में कहा कि असफलता के डर से बचे और सफलता कैसे प्राप्त करें इस पर चिंतन मनन और प्रयास करना चाहिए। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। सफलता प्राप्त करने के लिए  बड़े सपने देखना, सुविधा क्षेत्र से बाहर निकलना,कड़ी मेहनत, त्याग, निष्ठा ,समर्पण और दृढ़ निश्चय की जरूरत होती है ! आपने कई सफल और महान व्यक्तियों के जीवन के उदाहरण दिए। उनकी सफलता उनके अथक प्रयास और दृढ़ इच्छा शक्ति को सफलता की कुंजी बताया। 

संचालन डॉ भूषण केकरे ने किया। इस अवसर पर  खेल अधिकारी डॉ श्वेता भल्ला, श्री अभिषेक मिश्रा, श्री कृष्णपाल सिंह परिहार, दिनेश चौधरी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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