विश्व हिंदी दिवस पर विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में कार्यशाला संपन्न
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर कृषि-अर्थशास्त्र, विज्ञान, सांख्यिकी और प्रबंध विषयों पर केंद्रित एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में प्रो डॉ. अर्पण भारद्वाज, कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय, ने अपने अध्यक्षीय आशीर्वाद वक्तव्य में विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों से संवाद करते हुए कहा कि कृषि विज्ञान, कृषि-अर्थशास्त्र, सांख्यिकी, गणित और प्रबंध संकाय के विद्यार्थियों को हिंदी में भी श्रेष्ठ ज्ञान साहित्य और ई-रिसोर्सेस उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सभी संकायों की अध्ययन और ग्रंथालयों की सुविधाएं हिंदी माध्यम से भी उपलब्ध हैं।
कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रो डॉ. आलम मंदसौर हार्टिकल्चर संस्थान (राज. विजयाराजे कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर), ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में कहा कि कृषि और अन्य अंतर-अनुशासीय विषयों के डिजिटल रिसोर्सेस से नई पीढ़ी को अवगत कराना बेहद जरूरी है।
प्रो डॉ. अर्पण भारद्वाज ने 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के आयोजन के लिए विक्रम विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि शोधार्थियों और शिक्षकों को कृषि व्यापार प्रबंध विज्ञान की नई उपविधाओं से अद्यतन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
कार्यशाला की प्रस्तावना और अतिथि परिचय प्रो डॉ. राजेश टेलर, कृषि विज्ञान सांख्यिकी और गणितीय विज्ञान संकायाध्यक्ष, ने दी। कार्यक्रम की गरिमामय उपस्थिति के दौरान प्रो डॉ. धर्मेंद्र मेहता, निदेशक, पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान ने आयोजन में हार्दिक आभार व्यक्त किया और सभी अंतर-अनुशासीय पहलुओं को रेखांकित किया।
कार्यशाला में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, विवि कार्यपरिषद सदस्य प्रो डॉ. दीपक गुप्ता, संकायाध्यक्ष प्रो डॉ. उमा शर्मा, प्रो डॉ. उमेश सिंह, प्रो डॉ. कामरान सुल्तान, प्रो डॉ. कमलेश दशोरा, प्रो डॉ. एस. के. मिश्रा और निदेशक आईक्यूएसी प्रो डॉ. डी. डी. बेदिया ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रो डॉ. बेदिया ने कार्यशाला के आयोजन पर खुशी व्यक्त करते हुए विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस कार्यशाला में संकाय सदस्य, शोधार्थी और विद्यार्थीगण ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
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