वाग्देवी सरस्वती और वसंत पर्व : पुराख्यान और परम्परा पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं काव्यपाठ सम्पन्न उज्जैन। प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं काव्यपाठ का आयोजन किया गया। संगोष्ठी वाग्देवी सरस्वती और वसंत पर्व : पुराख्यान और परम्परा पर केंद्रित थी। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में अपना मंतव्य देते हुए प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा, हिंदी विभागाध्यक्ष, कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने कहा कि इस चराचर जगत को लय, गति, ज्ञान, मेधा देने का कार्य सरस्वती देवी के माध्यम से संपन्न हुआ है। विश्व में ज्ञान का प्रकाश उन्हीं से प्रसारित हुआ है। वे वेद, वेदान्त, वेदांग और विद्याओं की मूलाधार हैं। उनके बिना यह संसार नीरस होता। वैदिक और पौराणिक आख्यानों से लेकर अब तक उनसे प्रार्थना की जाती है कि उनके द्वारा प्रदत्त ज्ञान हमारे मनों में सदा निवास करे। वे हमें सत्य के लिए निरन्तर प्रेरित करती रहें और सद्बुद्धि को जागृत रखें। मुख्य अतिथि, डॉ. हरि सिंह पाल महामंत्री नागरी लिपि परिषद्, दिल्ली ने कहा, वसंत ऋतु से संबंधित जानक...