नई दिल्ली में 1 मार्च को आयोजित सम्मान समारोह में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शर्मा को सम्मानित किया जाएगा
उज्जैन/ नई दिल्ली। नई दिल्ली में 1 मार्च 2025 शनिवार को आयोजित इंडिया नेटबुक्स एवं बीपीए फाउंडेशन अवार्ड अलंकरण समारोह में प्रसिद्ध समालोचक, लोकमनीषी एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के हिंदी विभागाध्यक्ष और कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा को साहित्य विभूषण सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। संस्था द्वारा नई दिल्ली में शनिवार, 1 मार्च को आयोजित इस समारोह में देश के प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं संस्कृतिकर्मियों द्वारा प्रो शर्मा को साहित्य विभूषण सम्मान अर्पित किया जाएगा।
आयोजन के संस्थापक - संयोजक वरिष्ठ लेखक डॉ संजीव कुमार, नई दिल्ली ने बताया कि हिंदी में साहित्य एवं रचनाकर्म को समृद्ध करने के उद्देश्य से बीपीए फाउंडेशन एवं इंडिया नेटबुक्स द्वारा प्रतिवर्ष साहित्यकारों एवं संस्कृतिकर्मियों को सम्मानित किया जाता है। यह अवार्ड सभी विधाओं के लिये दिये जाते हैं। विगत वर्षों में यह पुरस्कार वरिष्ठ कथाकार चित्रा मुद्गल, ममता कालिया, प्रेम जनमेजय, डॉ प्रताप सहगल आदि को दिया जा चुका है। प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा को इस वर्ष के साहित्य विभूषण सम्मान - शिव प्यारी देवी अवस्थी सम्मान से अलंकृत किया जा रहा है।
समीक्षा एवं अनुसंधानपरक लेखन में पिछले लगभग साढ़े तीन दशकों से निरंतर सक्रिय प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने साहित्य, संस्कृति, भाषा, लिपि, उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान दिया है। उन्होंने शब्दशक्ति सम्बन्धी भारतीय और पाश्चात्य अवधारणा तथा हिन्दी काव्यशास्त्र, हिंदी कथा साहित्य, देवनागरी विमर्श, मालवा का लोकनाट्य माच और अन्य विधाएं, हिन्दी भाषा संरचना, प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य, मालवी भाषा और साहित्य, आचार्य नित्यानंद शास्त्री और रामकथा कल्पलता, मालवसुत पं सूर्यनारायण व्यास, हिंदी – भीली अध्येता कोश, मालवी लोक साहित्य, बघेली लोक साहित्य, गोंडी लोक साहित्य, भीली लोक साहित्य, सिंहस्थ विमर्श, अवन्ती क्षेत्र और सिंहस्थ महापर्व, महात्मा गांधी : विचार और नवाचार, स्त्री विमर्श : परंपरा और नवीन आयाम, मालव मनोहर आदि सहित निबंध, आलोचना, भाषाशास्त्र, देवनागरी लिपि, लोक एवं जनजातीय साहित्य और संस्कृति आदि विषयों पर पैंतीस से अधिक ग्रन्थों का लेखन एवं सम्पादन किया है। शोध पत्रिकाओं और ग्रन्थों में उनके तीन सौ से अधिक शोध एवं समीक्षा निबंधों तथा प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में आठ सौ से अधिक कला एवं रंगकर्म समीक्षाओं का प्रकाशन हुआ है। उन्होंने साहित्य, भाषा, लिपि, और लोक एवं जनजातीय संस्कृति से जुड़ी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की सैकडों संगोष्ठियों, व्याख्यानमाला और कार्यशालाओं में व्याख्यान, शोध प्रस्तुति एवं समन्वय किया है। प्रो शर्मा ने थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, यूएई एवं म्यांमार की अकादमिक यात्राएँ की हैं।
उन्हें पूर्व में अर्पित किए गए महत्वपूर्ण एवं ख्यात सम्मान और पुरस्कार हैं - आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी सम्मान, म. प्र. लेखक संघ, भोपाल द्वारा हिन्दी समीक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए डॉ. संतोष तिवारी समीक्षा सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान, राष्ट्रीय कबीर सम्मान, हिंदी सेवी सम्मान, भाषा- भूषण सम्मान, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, आचार्य विनोबा भावे राष्ट्रीय नागरी लिपि सम्मान, अक्षर आदित्य सम्मान, आलोचना भूषण सम्मान, अभिनव शब्द शिल्पी अलंकरण, साहित्य सिंधु सम्मान, विश्व हिन्दी सेवा सम्मान आदि। इस उपलब्धि के लिए प्रदेश के अनेकसाहित्यकारों, संस्कृतिकर्मी और शिक्षाविदों ने हर्ष व्यक्त कर प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा को बधाई दी है।
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