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तत्परता से विधान सभा प्रश्न, ध्यानाकर्षण, आश्वा्सन की जानकारी देना विभागों की सक्षमता का द्योतक

सत्रावधि में अधिकारी व मंत्री सहायक अलर्ट मोड में रहें : प्रमुख सचिव, विधान सभा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏

भोपाल । मंत्रालय एवं विभागाध्यक्ष कार्यालय के अधिकारियों / कर्मचारियों तथा मंत्रीगणों की निजी स्थापना में कार्यरत विशेष सहायक एवं निज सचिवों आदि के लिए संसदीय पद्धति एवं प्रक्रिया के संबंध में राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ भोपाल द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए श्री ए.पी.सिंह, प्रमुख सचिव, विधान सभा मध्यप्रदेश ने उल्लेख किया कि, जहां विधायिका की भूमिका कार्यपालिका की नीतियों का विश्लेषण करने के साथ उसे आवश्यकतानुसार विधान एवं सार्वजनिक धन उपलब्ध कराना है, वहीं कार्यपालिका का दायित्व जन-कल्याण की योजनाओं को कार्यान्वित करने के संबंध में विधान सभा के सदस्यों द्वारा विभिन्न माध्यमों से चाही गई जानकारी तत्परता से उपलब्ध कराना भी है। संवैधानिक प्रावधान के तहत् विधायिका द्वारा सत्रावधि में प्रश्न , ध्यानाकर्षण, स्थगन व अन्य माध्यमों से चर्चा के द्वारा शासन के कार्यों पर नियंत्रण रखा जाता है, वहीं जन-समस्या्ओं का समाधान भी किया जाता है। विधान सभा सदस्यों  द्वारा पूछे गये प्रश्नों , स्थगन प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण या आश्वासनों पर जानकारी तत्प‍रता से उपलब्ध करायी जाना विभाग की सक्षमता का द्योतक है। 

प्रमुख सचिव श्री सिंह ने कहा कि, जन-समस्याओं या घटित घटनाओं या लोकहित के विषय के संबंध में सदस्यों द्वारा स्थगन प्रस्ताव या ध्यानाकर्षण की सूचना दी जाती है, जिस पर जानकारी हेतु विधान सभा सचिवालय द्वारा शासन के विभागों से पत्राचार किया जाता है। यदि विभाग तत्परता से शासन द्वारा की गई कार्यवाही एवं वस्तुस्थिति की जानकारी प्रदान करता है, तो सदस्य द्वारा अपनी सूचना में दिये गये तथ्य एवं शासन से प्राप्त  जानकारी के विश्लेषण के आधार पर अध्यक्ष द्वारा उसे स्वीकार या अस्वीकार करने का निर्णय लिया जाता है। इस तरह तत्परता से जानकारी उपलब्ध कराना एक तरह से शासन के विभाग के पक्ष में ही रहता है।

 सत्रावधि में विभाग के अधिकारियों के साथ मंत्रीगण के सहायकों को भी अलर्ट मोड पर रहकर कार्य करना चाहिए तथा यह नोट करना चाहिए कि, यदि किसी विषय पर सदन में चर्चा के दौरान् विभागीय मंत्री द्वारा कोई आश्वासन दिया गया है, तो उसकी पूर्ति उसी सत्र में सुनिश्चित हो। अन्यथा विभागों से महीनों तक जानकारी अप्राप्त् रहती है, जिसका परीक्षण विधान सभा समिति करती है। इसके साथ ही प्रमुख सचिव विधान सभा द्वारा विधायी प्रक्रिया, प्रश्न, स्थगन, ध्या‍नाकर्षण तथा अन्य् विषयों पर विस्तार से प्रबोधन किया गया तथा बड़ी संख्या  में उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों की शंका का समाधान किया गया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्जवलन के साथ प्रमुख सचिव विधान सभा, संसदीय विद्यापीठ की संचालक तथा अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया। प्रारंभ में संचालक डॉ. प्रतिमा यादव ने संसदीय विद्यापीठ की विभिन्न  गतिविधियों की जानकारी दी। 

इस अवसर पर बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी, कर्मचारी व मंत्रीगण के विशेष सहायक, निज-सचिव आदि उपस्थित थे।

✍ राधेश्याम चौऋषिया 

Radheshyam Chourasiya

Radheshyam Chourasiya II

● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति

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