भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल ने 3 वर्ष पूर्व विज्ञान दिवस पर एक अभिनव पहल करते हुए देश के प्रमुख प्राचीन एवं आधुनिक भारतीय वैज्ञानिकों एवं गणितज्ञों के जीवन एवं उनके द्वारा किये गए महवपूर्ण अनुसन्धान कार्य को संकलित कर एक स्थायी दीर्घा का निर्माण किया था। आज के कई अनुसन्धान इन प्राचीन वैज्ञानिकों की शोध एवं आविष्कार पर आधारित है। वर्ष भर निटर में विभिन्न प्रदेशों से आये हुए टीचर्स एवं स्टूडेंट्स इस दीर्घा से प्रेरणा लेते हैं।
निटर निदेशक डॉ सी सी त्रिपाठी ने अपने सन्देश में कहा कि हमारे युवा अपनी विज्ञान धरोहर के वाहक बने। 2025 का विज्ञान दिवस ‘विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना’ थीम के साथ मनाया जा रहा है। हमारा देश प्राचीन समय से ही विज्ञान और नवाचार में समृद्ध रहा हे। यह दिन भारतीय वैज्ञानिकों के महान योगदान और उनके कार्यों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। खासतौर पर, इस दिन को डॉ सी वी रमन क़े रमन प्रभाव की खोज के लिए याद किया जाता है।
निटर भोपाल के डीन साइंसेज प्रो पी के पुरोहित ने इस अवसर पर भारतीय ज्ञान परंपरा को विद्यार्थियों तक पहुंचाने की आवश्यकता और उस पर किए जा रहे कार्यों के बारे में चर्चा की । उन्होंने कहा कि हमारा संस्थान भारतीय सांस्कृतिक और शैक्षिक धरोहर को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहा है। इस अवसर पर डॉ हुसैन जीवा खान, डॉ बशीर उल्लाह शेक, डॉ इज़हार अहमद एवं संसथान के अन्य अधिकारी कर्मचारी एवं छात्र भी उपस्थित थे।
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