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विक्रम विश्वविद्यालय के डॉ सक्सेना को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित कॉर्डियक अरेस्ट अलर्टिंग डिवाइस का इंडियन पेटेंट प्राप्त

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के डॉ विष्णु कुमार सक्सेना ने कंप्यूटर साइंस एन्ड इंजीनियरिंग विषय में शोध करने के उपरांत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित कॉर्डियक अरेस्ट अलर्टिंग डिवाइस का इंडियन पेटेंट करवाने में सफलता प्राप्त की है ।

कई स्वास्थ्य स्थितियाँ, मनुष्य की जीवनशैली, और उनकी उम्र और पारिवारिक इतिहास, हृदय रोग और दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।  इसी को ध्यान में रखते हुए कॉर्डियक अरेस्ट अलर्टिंग डिवाइस के एक नए डिज़ाइन के आविष्कार में उन्नत बायोमेट्रिक सेंसर शामिल है, यह हृदय गति, ऑक्सीजन सचुरेशन  और श्वसन पैटर्न जैसे महत्वपूर्ण संकेतों को ट्रैक करता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम का उपयोग करते हुए, कार्डियक अरेस्ट के शुरुआती संकेतों का पता लगाता है और तुरंत आपातकालीन सेवाओं, देखभाल करने वालों को सूचित करता है, त्वरित कार्रवाई के लिए सटीक जीपीएस स्थान साझा करता है। यह उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत स्वास्थ्य और रोगनिरोधी  सिफारिशें प्रदान करने के लिए चिकित्सा प्लेटफ़ॉर्म के साथ भी एकीकृत होता है। निरंतर निगरानी और तत्काल प्रतिक्रिया क्षमताओं की पेशकश करके, यह हृदय संबंधी आपात स्थितियों में महत्वपूर्ण समय अंतराल को कम करता है, जिससे मनुष्य के बचने की संभावना बढ़ जाती है। 

डॉ सक्सेना ने यह रिसर्च प्रोफेसर शशांक पुष्कर बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मेसरा झारखण्ड, राजुल सक्सेना आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन, दिव्यांशु सक्सेना सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ कर्नाटक, उत्कर्ष सक्सेना शासकीय श्यामशाह मेडिकल कॉलेज रीवा के साथ मिलकर तैयार किया है।

कुलगुरु प्रोफेसर डॉ अर्पण भारद्वाज, कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा, कार्यपरिषद सदस्य श्री राजेशसिंह कुशवाह, श्री वरुण गुप्ता, डॉ संजय वर्मा,  कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ एम एल गोखरू, वित्त-नियंत्रक श्री जे एस तोमर, आईक्यूएसी निदेशक प्रोफेसर डॉ डी डी बेदिया ने डॉ सक्सेना की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है ।

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