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विक्रम विश्वविद्यालय में मूट कोर्ट विषय पर न्यायिक परिचर्चा का आयोजन

न्यायिक अधिकारियों ने विद्यार्थियों को न्याय प्रणाली की दी गहन जानकारी

मूट कोर्ट न्यायालयीन ज्ञान की नींव है - राजकुमार त्रिपाठी

सफलता का मूलमंत्र है विद्या और त्याग - श्रीमती रोहिणी तिवारी

उज्जैन। मंगलवार, 15 अप्रैल, 2025 को विधि अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में मूट कोर्ट विषय पर एक न्यायिक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री राजकुमार जी त्रिपाठी, न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी, वरिष्ठ प्रभाग, मंदसौर तथा श्रीमती रोहिणी जी तिवारी, न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी, वरिष्ठ प्रभाग, मंदसौर द्वारा विधि अध्ययनशाला के विद्यार्थियों से मूट कोर्ट विषय पर परिचर्चा की गई। इस परिचर्चा कार्यक्रम की अध्यक्षता विधि विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. डी. डी. बेदिया द्वारा की गई।

श्री राजकुमार जी त्रिपाठी द्वारा महाभारत के संजय के समान न्यायालयीन कार्य प्रणाली का बौद्धिक दर्शन उपस्थित विद्यार्थियों को करवाया गया। उन्होंने बताया कि न्यायालय के संपर्क से प्राप्त होने वाला समस्त ज्ञान मूट कोर्ट की नींव है। आगे परिचर्चा के दौरान श्री राजकुमार जी द्वारा न्यायाधीश के कार्य विभाजन एवं कार्यक्षमता, न्यायालयीन व्यवस्था, न्यायालयीन कर्मचारी तथा न्यायालय में दीवानी और फौजदारी मामलों के विचारण की प्रक्रिया पर अपने ज्ञान से प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया कि हर मामले का अपना जीवन होता है और हर मामले के कुछ विचित्र तथ्य होते हैं जो उसे अपने आप में अनोखा बनाते हैं।

तदुपरांत, श्रीमती रोहिणी जी तिवारी द्वारा न्यायिक शिक्षा एवं न्यायिक क्षेत्र में सफलता के मंत्र विद्यार्थियों के साथ साझा किए गए। श्रीमती रोहिणी जी ने बताया कि जीवन में विद्या ही काम आती है और विद्या केवल त्याग से प्राप्त होती है। विधि विद्यार्थियों का जीवन साधना पूर्ण होना चाहिए और अध्ययन की एक निश्चित समय-सारणी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि महाविद्यालयीन विद्यार्थियों का मन, एकाग्रता एवं बुद्धि बहुत तीव्र होती है, और इस उम्र में किया गया अध्ययन जीवन भर साथ देता है। उन्होंने अपने अनुभवों के माध्यम से सफलता के मंत्र साझा कर अपनी परिचर्चा को विराम दिया।

इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के शोधार्थी जे.आर.एफ. श्रीश भट्ट एवं शुबेन्दु उपाध्याय तथा बी.ए. एलएल.बी. एवं एलएल.बी. के विद्यार्थी - पि. वि. विश्रुत, दीपम कुमार, सुमित बालकया, सत्यनारायण शर्मा, आलोक मिश्रा, पायल मालवीय, मोनीष वर्मा, प्रियंका आदि ने उत्सुकता एवं जिज्ञासा के साथ भाग लिया। अंत में सहायक प्राध्यापिका श्रीमती कीर्ति पटेल द्वारा पधारे हुए अतिथियों का आभार व्यक्त कर कार्यक्रम को पूर्ण किया गया।

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