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वर्ल्ड आर्ट डे पर विक्रम विश्वविद्यालय में कार्पोरेट और रचनात्मक कलाओं का संगम

विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रस्तुति में झलका समाज, शांति और एकता का संदेश

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान परिसर (JNIBM) में वर्ल्ड आर्ट डे के अवसर पर आयोजन हुआ। इस वर्ष की थीम "आर्ट फॉर यूनिटी एंड हीलिंग" के अंतर्गत “कार्पोरेट जगत में कलाओं को कालजयी बनाए” विषय को केंद्र में रखकर संवाद आयोजित किया गया। इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने कहा कि यह दिन रचनात्मक कला, प्रबंधन एवं विज्ञान—तीनों का अद्भुत सम्मिश्रण प्रस्तुत करता है।

उन्होंने कहा कि वर्ल्ड आर्ट डे का उद्देश्य कला के महत्व को समझाना और समाज में उसकी भूमिका को बढ़ावा देना है। यह ऐतिहासिक दिन न केवल कलाकारों के योगदान को सम्मान देने का अवसर है, बल्कि रचनात्मकता, मानसिक शांति, अभिव्यक्ति और सामाजिक जागरूकता का सशक्त माध्यम भी है। प्रो. भारद्वाज ने निदेशक डॉ. धर्मेंद्र मेहता एवं विद्यार्थियों की सक्रियता की सराहना करते हुए कहा कि आधुनिक प्रबंधन की दुनिया में बढ़ते तनाव को देखते हुए नवोन्मेषी कलाओं के माध्यम से मानसिक शांति का संदेश दिया जाना आज की आवश्यकता है। उन्होंने इस अभिनव आयोजन के लिए सभी आयोजकों और सहभागियों को बधाई दी।

प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने बताया कि वर्ल्ड आर्ट डे प्रत्येक वर्ष 15 अप्रैल को महान कलाकार लियोनार्डो दा विंची की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 2012 में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ आर्ट द्वारा की गई थी। वर्ष 2025 की थीम ‘Art for Unity and Healing’ को UNESCO द्वारा घोषित किया गया है, जिसका उद्देश्य कला के माध्यम से एकता, शांति और मानसिक संतुलन को प्रोत्साहित करना है।

वर्ल्ड आर्ट डे के इस आयोजन में विद्यार्थियों के सक्रिय समूह ने रचनात्मकता की मिसाल पेश की। इंजी. मेहा शर्मा, इंजी. तान्या तिवारी, इंजी. मुकुल उपाध्याय, कनिष्का शर्मा, आयुषी भाटी, सरिता पंवार, सलोनी राय, अवनी दुबे एवं चेतन पटेल के नेतृत्व में स्वरचित बहुरंगी रंगोली तैयार की गई, जो इस वर्ष की थीम "Art for Unity and Healing" को चित्रित करती है। रंगोली ने यह दर्शाया कि कला समाज को जोड़ने, भावनात्मक राहत देने और मानसिक संतुलन बनाए रखने का एक सशक्त माध्यम बन सकती है।

इस कार्यक्रम का संयोजन प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता, प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान, डॉ. सचिन राय एवं डॉ. नयनतारा डामोर के मार्गदर्शन में हुआ। सभी विद्यार्थियों ने इस सामयिक प्रयास को जीवंत रंगों के माध्यम से अपनी आत्मीय भावनाओं के साथ प्रस्तुत किया।

जेएनआईबीएम इनोवेशन काउंसिल की समन्वयक डॉ. नयनतारा डामोर ने बताया कि प्रतिवर्ष वर्ल्ड आर्ट डे की थीम UNESCO एवं अंतरराष्ट्रीय कला संस्थानों द्वारा तय की जाती है, जो समाज से जुड़े मुद्दों और मानवीय संवेदनाओं को केंद्र में रखती है।

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