स्वच्छता अभियान से जुड़ें, मलेरिया से बचें
उज्जैन। पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान में स्वच्छता अभियान के माध्यम से मलेरिया से बचाव का संदेश दिया गया।
जागरूकता कार्यक्रम के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने स्वास्थ्य सतर्कता संदेश में कहा कि, मलेरिया मुख्य रूप से संक्रमित मादा एनोफेलीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। मलेरिया का कारण बनने वाले प्लास्मोडियम परजीवी की पाँच प्रजातियाँ होती हैं, जिनमें पी. फाल्सीपेरम और पी. विवैक्स सबसे अधिक घातक मानी जाती हैं। पी. फाल्सीपेरम विशेष रूप से अफ्रीकी महाद्वीप में पाया जाता है और यह सबसे घातक प्रकार है, जबकि पी. विवैक्स उप-सहारा अफ्रीका के बाहर के क्षेत्रों में सबसे ज़्यादा देखा जाता है। अन्य प्रजातियों में पी. मलेरिए, पी. ओवेल और पी. नोलेसी शामिल हैं।
प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता, निदेशक, JNIBM ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2023 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2023 में विश्वभर में मलेरिया के लगभग 263 मिलियन मामले दर्ज किए गए और इससे लगभग 5.97 लाख मौतें हुईं। इनमें से 94% मामले और 95% मौतें डब्ल्यूएचओ अफ्रीकी क्षेत्र से थीं। इन मौतों में से लगभग 76% मौतें 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की थीं।
उन्होंने यह भी बताया कि मलेरिया केवल मच्छरों के काटने से ही नहीं, बल्कि दूषित रक्त आधान या संक्रमित सुइयों से भी फैल सकता है। इसके शुरुआती लक्षण कई बार सामान्य ज्वर जैसे होते हैं, जिससे इसकी पहचान करना कठिन हो सकता है। विशेषकर पी. फाल्सीपेरम मलेरिया यदि समय रहते इलाज न हो तो यह 24 घंटे के भीतर जानलेवा रूप ले सकता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों ने अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने की शपथ ली और संस्थान परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया। कार्यक्रम के अंत में सभी स्टाफ सदस्यों ने मिलकर स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया।
इस आयोजन में प्रो. डॉ. दीपक गुप्ता (अध्यक्ष, प्रबंध अध्ययन मंडल), प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता (निदेशक, पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान), डॉ. अर्पित दुबे, श्री अजय जायसवाल (जेआरएफ), श्री दिनेश सिंगार और श्री ओमप्रकाश यादव सहित स्टाफ सदस्य एवं छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
कार्यक्रम का उद्देश्य मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जन-जागरूकता फैलाना और स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करना रहा।
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