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विक्रम विश्वविद्यालय का 56 सदस्यीय दल उद्योग भ्रमण हेतु कच्छ रवाना

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के अर्थशास्त्र तथा प्रबन्धन विद्यार्थियों के 56 सदस्यीय दल को दो दिवसीय उद्योग भ्रमण हेतु कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय द्वारा झण्डी दिखा कर कच्छ, गुजरात के लिए बस से रवाना किया गया। इस दल के 28 पुरुष तथा 28 महिला सदस्यों में प्रबन्धन के 36 विद्यार्थी तथा अर्थशास्त्र के 17 विद्यार्थी डॉ संग्राम भूषण, डॉ दीपा द्विवेदी तथा डॉ टीना यादव के नेतृत्व में गुजरात में फारस की खाड़ी पर मानवनिर्मित निजी क्षेत्र के भारत के सबसे बड़े बन्दरगाह मुन्द्रा का भ्रमण करेगा तथा प्रत्येक विद्यार्थी भ्रमण प्रतिवेदन तैयार करेगा।  विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के आई आई पी एस तथा अर्थशास्त्र विभाग के विद्यार्थी उद्योगसमूह अडानी समूह के अडानी एनेर्जी, अडानी पवन उर्जा सहित अडानी समूह के अनेक अन्य उपक्रमों तथा स्पेशल इकोनामिक जोन का भ्रमण करेंगे। दल को रवाना करते हुए कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विद्यार्थियों को बताया कि यह विश्वविद्यालय द्वारा नयी पहल है तथा इस प्रयास से अर्थशास्त्र तथा प्रबन्धन के विद्यार्थी भारत के उभरते आर्थिक परिदृश्य  को मात्र देखेंगे ही नहीं, अपि

विद्यार्थी शिक्षा मन से ग्रहण करे और उसे जीवन में आत्मसात करे तभी वे अपना और समाज का उद्धार कर पाएंगे - कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय

उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी एवं फॉरेंसिक साइंस के विद्यार्थियों को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने प्रायोगिक कार्य करने की बारीकियां समझाईं। दिनांक 23 अप्रैल 2024 को औचक निरीक्षण पर प्रIणिकी, जैव प्रौद्योगिकी एवं फॉरेंसिक साइंस अध्ययनशाला पहुंचे विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने प्राणिकी, जैव प्रौद्योगिकी एवं फॉरेंसिक साइंस विभाग का निरीक्षण किया एवं विद्यार्थियों को प्रायोगिक कार्य करने की बारीकियां समझाईं।  माननीय कुलगुरु जी ने विद्यार्थियों को समझते हुए कहा किसी भी विज्ञान के विद्यार्थी के लिए यह आवश्यक है की वह अपनी लैब की साफ-सफाई रखे। उन्होंने कहा कि प्रायोगिक कार्य विज्ञान की पढ़ाई का एक अभिन्न अंग है और प्रायोगिक कार्य अच्छे से हो सके इसके लिए यह आवश्यक है कि लैब में उचित तरीके से साफ-सफाई रखी जाए। कुलगुरु जी ने विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा ग्रहण करने का यह मूल मंत्र है कि उसे विद्यार्थी पूरे मन से ग्रहण करें और उसे जीवन में आत्मसात करें। तभी वे अपना और समाज का उद्धार कर पाएं

विक्रम विश्वविद्यालय के प्राध्यापक मोहित कुमार प्रजापति को कंक्रीट मॉइश्चर कंटेंट मेजरिंग डिवाइस का इंडियन पेटेंट मिला

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्राध्यापक मोहित कुमार प्रजापति ने अन्य प्राध्यापक के साथ मिलकर कंक्रीट मॉइश्चर कंटेंट मेजरिंग उपकरण पर डिजाइन पेटेंट हासिल किया, यह उपकरण इमारत के भीतर उच्च नमी का पता लगाने वह उसके रिसावों का पता लगाने के लिए कारगर साबित होगा, इसके अलावा कंक्रीट स्लैब में मौजूद या उसके माध्यम से स्थानांतरित होने वाली नमी का पता लगाने के लिए कंक्रीट मॉइश्चर कंटेंट परीक्षण उपकरण का उपयोग कर सकेंगे। प्राध्यापक प्रजापति द्वारा बताया गया कि कंक्रीट के पार्ट्स में अत्यधिक नमी के कारण महंगी फर्श कवरिंग या कोटिंग में विफलताएं हो सकती हैं जैसे कि डी बॉन्डिंग, वार्पिंग, ब्लिस्टरिंग और मोल्ड के बढ़ने की संभावनाएं बढ़ जाती है। फर्श उत्पाद रखने से पहले कंक्रीट स्लैब में नमी को मापने से व्यापक और महंगी क्षक्ति को रोकने में यह उपकरण कारगर साबित होगा। प्राध्यापक प्रजापति को यह चौथा इंडियन पेटेंट प्राप्त हुआ है।  इस उपलब्धि पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने प्राध्यापक प्रजापति को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उ

स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों का साइट विज़िट

उज्जैन। स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के द्वारा विद्यार्थियों के प्रायोगिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की निर्माणाधीन इमारत का निरीक्षण माननीय कुलगुरु प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा के नेतृत्व में करवाया गया। इस विजिट में स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के विभिन्न ब्रांच से 100 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।  कुलगुरु डॉक्टर पांडेय ने इसे अत्यंत महत्वपूर्ण विजिट बताया जिससे विद्यार्थीगण प्रैक्टिकल नॉलेज के साथ आगे बढेंगे  उन्होंने विद्यार्थियों को सिविल इंजीनियरिंग के साथ-साथ वास्तु शास्त्र एवं पुरातन कालीन इंजीनियरिंग को भी समझाया कि किस तरह पुरातन इमारतें, किले, महल, मंदिर इत्यादि आज भी हजारों सालों के बाद बहुत ही अच्छी अवस्था में विद्यमान हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप सभी यह सभी छोटी-छोटी विजिट करके समझ सकते हैं कि पुरानी और नई इंजीनियरिंग में क्या अंतर है? इस विजिट का उद्देश्य विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रायोगिक ज्ञान देना था। इसमें सभी ब्रांच के विद्यार्थियों द्वारा देखा गय

साहित्यिक संस्था ओपन बुक्स (ओबीओ) द्वारा साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन

भोपाल। देश के अग्रणी ग़ज़लकार ज़हीर कुरेशी की तीसरी पुण्यतिथि पर दुष्यंन्त कुमार संग्रहालय में साहित्यिक संस्था ओपन बुक्स ऑनलाइन (ओबीओ) द्वारा साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन अशोक निर्मल की अध्यक्षता, फरीदाबाद से आये वरिष्ठ साहित्यकार हरे राम समीप के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। नवाचार करते हुए मंच संचालक बलराम धाकड़ ने ज़हीर के शे'रों के साथ ही साहित्यकारों को मंच पर आमंत्रित किया। हरे राम समीप ने कहा कि "ज़हीर कुरेशी जैसे दिखते थे उससे कहीं ज़्यादा विराट थे, ज़हीर की तहरीर जनवादी है"। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए भोपाल के गीतकार एवं शायर महावीर सिंह ने सुनाया, "न जाने कितनी सदियों से ही मरते आ रहे हैं हम, जो ढंग से मर गए होते तो फिर मरने नहीं आते।" शशि बंसल ने लघुकथा ' लिंगभेद' सुनाई। सीमा सुशी ने सुन्दर दोहे सुनाये "कभी दिखाई धूप तो, कभी मिलाया प्यार, मां थी तो बिगड़े नहीं, रिश्ते और अचार। " मनीष बादल के शे'र को बहुत तालियाँ मिलीं, "वो जो सूरज चन्दा का इक टुकड़ा लेकर बैठे हैं, वो ही लोभी अँधियारे का दुखड़ा लेकर बैठे हैं "। मिथिलेश वामनकर क

भगवान महावीर स्वामी का विश्व को चिंतन, संगोष्ठी होगी

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 288वीं राष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी का आयोजन 21 अप्रेल 2024 रविवार सायं 6 बजे आयोजित किया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए संस्था के राष्ट्रीय महासचिव एवं संयोजक डॉ. प्रभु चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि जैन धर्म के लेखक विद्वान मनीषी श्री पदमचंद गांधी जयपुर, अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ब्रजकिशोर शर्मा उज्जैन, मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन कुलानुशासक डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा, विशिष्ट अतिथि नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली, महामंत्री डॉ. हरिसिंह पाल एवं श्री हरेराम वाजपेयी अध्यक्ष हिन्दी परिवार इन्दौर तथा डॉ. अनसूया अग्रवाल राष्ट्रीय संयोजक महासमुंद एवं श्रीमती सुवर्णा जाधव राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पुणे रहेंगे। संगोष्ठी में विशेष अतिथि डॉ. शिवा लोहारिया राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला इकाई जयपुर, डॉ. रश्मि चौबे राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष महिला इकाई गाजियाबाद, डॉ. रेनू सिरोया कुमुदनी राष्ट्रीय महासचिव महिला इकाई उदयपुर, डॉ. दीपिका सुतोदिया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गुवाहाटी, डॉ. सुनीता मंडल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कोलकाता एवं श्री सुंदरलाल जोशी सू

भेराजी सम्मान सही अर्थों में लोक संस्कृति का नोबल पुरस्कार है – शैलेन्द्र शर्मा

उज्जैन । भेराजी सम्मान मालवी संस्कृति , बोली और भाषा का प्रतिष्ठित सम्मान है। लोक एवं जनजातीय संस्कृति भारत की संस्कृति के मूल आधार में है। सदियों से लोक संस्कृति लोकतांत्रिक मूल्यों का संवहन करती आ रही है। लोक संवेदना का इतिहास लोक संस्कृति और साहित्य में सतत प्रवहमान है। भेराजी सम्मान सही अर्थों में लोक संस्कृति का नोबल पुरस्कार है। ये विचार मालवा लोक कला एवं संस्कृति संस्थान द्वारा कालिदास अकादमी में आयोजित 37 वें भेराजी सम्मान समारोह में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रो.शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने व्यक्त किये। भेराजी सम्मान समारोह का आयोजन कालिदास संस्कृत अकादमी में दिनांक 18 अप्रैल 2024   की संध्या पर किया गया। आयोजन के सारस्वत अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित ने कहा कि पिछले सैंतीस वर्षों की परंपरा में निमाड़ी और मालवी के गुणी साहित्यकारों को भेराजी सम्मान से सम्मानित किया जाना मालवी का सम्मान बन गया है। मुख्य अतिथि प्रसिद्द मालवी साहित्यकार श्रीमती माया बदेका ने मालवी भाषा में संबोधित करते हुए कहा कि भेराजी सम्मान

श्रीराम भारत की संपूर्ण सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक हैं – पूर्व कुलपति प्रो मिश्र

श्रीरामलला स्वरूप रूपांकन एवं सृजन सम्मान हुआ रामनवमी पर, प्रो मिश्र का हुआ सारस्वत सम्मान   रामनवमी पर्व पर बनाई गई श्री रामलला की बहुरंगी रंगोली विक्रम विश्वविद्यालय के वाग्देवी भवन में  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में रामनवमी के पावन अवसर पर पूर्व परम्परानुसार रूपांकन एवं सृजन सम्मान समारोह का आयोजन वाग्देवी भवन में 17 अप्रैल को प्रातः 10 बजे किया गया। इसमें ललित कला अध्ययनशाला के विद्यार्थी- कलाकारों द्वारा रंगोली के माध्यम से श्रीरामलला स्वरूप रूपांकन तथा विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली विद्यार्थी कलाकारों का सम्मान किया गया।  विशिष्ट उद्बोधन मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र ने दिया। प्रभारी कुलपति प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कलाकार, साहित्यकार एवं कलाप्रेमियों ने भाग लिया।  विक्रम विश्वविद्यालय एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रामराजेश मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रीराम सर्वव्यापी हैं। वे भारत की संपूर्ण सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक हैं। उन्होंने जिसका स्पर्श किया, वह मुक्

श्रीराम का राज्य और उनके राजनीतिक आदर्श हैं लोक नीति और कल्याण राज्य के पर्याय - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

रामनवमी पर्व विशेष राम कथा विश्व साहित्य में सर्वाधिक प्रयुक्त आधार कथा रही है। इस प्रयोग - वैविध्य के पार्श्व में उसमें अंतर्निहित चिरंतन और सार्वभौमिक जीवन सत्य की अभिव्यक्ति की अपूर्व क्षमता है। अत्यंत प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक भारत और भारत की सीमाओं से परे अनेक देशों में अपने समय की आकांक्षाओं और चुनौतियों से संवाद करते हुए राम कथा का विविध आयामी प्रयोग और प्रसार हुआ है। समकालीन रचनाकारों को आधुनिकता बोध के प्रतिफलन की ऊर्जा भी इसी प्रख्यात कथा से प्राप्त होती आ रही है। राम का राजनीतिक आदर्श, मंगल और कल्याण राज्य की अवधारणा से जुड़ा है। राम के राज्य में मनुष्यों के नीति - पूर्ण जीवन का प्रभाव चहुँ ओर दिखाई देता है। उससे प्रसन्न हो प्रकृति ने भी पूर्ण उदारता से फल, फूल इत्यादि देने में कोई कसर नहीं रखी थी।  राम का उदात्त चरित्र एक साथ अनेक धरातलों पर मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा के लिए लोकमन में रचा-बसा है। नितांत निजी सम्बन्धों से लेकर समग्र विश्व के प्रति स्नेह-सम्बन्धों और समरसता की सिद्धि, राम के समतामूलक जीवन दर्शन के केन्द्र में रही है। राम का लोकमानस पर अंकित यह बिम

विक्रम विश्वविद्यालय में रामनवमी पर्व पर बनाए जा रही है श्री रामलला की बहुरंगी रंगोली

श्रीरामलला स्वरूप रूपांकन एवं सृजन सम्मान रामनवमी, 17 अप्रैल को  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में रामनवमी के पावन अवसर पर पूर्व परम्परानुसार रूपांकन एवं सृजन सम्मान समारोह का आयोजन वाग्देवी भवन में 17 अप्रैल को प्रातः 10 बजे किया जा रहा है। इसमें ललित कला अध्ययनशाला के विद्यार्थी- कलाकारों द्वारा रंगोली के माध्यम से श्रीरामलला स्वरूप रूपांकन तथा कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली विद्यार्थी कलाकारों का सम्मान किया जाएगा। विशिष्ट उद्बोधन पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र देंगे। हिंदी अध्ययनशाला, ललित कला अध्ययनशाला और पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला के इस संयुक्त आयोजन में कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कलाप्रेमियों और सर्जकों से आत्मीय उपस्थिति का निवेदन किया है।  पारंपरिक रंगोली के माध्यम से ललित कला अध्ययनशाला के विद्यार्थी कलाकारों द्वारा रामनवमी के पावन अवसर पर रामलला स्वरूप का रूपांकन किया जा रहा है। इन  विद्यार्थी कलाकारों में  पंकज सेहरा, मुकुल, जगबंधु महतो, नंदिनी प्रजापति, लक्ष्मी कुशवाह एवं अक्षित शर्मा सम्मिलित

डॉ प्रभु चौधरी को राष्ट्रीय हिन्दी एवं नागरी लिपि सम्मान मिला

नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली के स्वर्ण जयंती समारोह में चवाकुल वैनकटक्षवुरलु हैदराबाद हिंदी प्रेमी मंडली एवं दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन के राष्ट्रीय महासचिव एवं नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली इकाई मध्य प्रदेश के संयोजक डॉ प्रभु चौधरी महिदपुर रोड उज्जैन को हिन्दी भाषा एवं नागरी लिपि का  राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार प्रसार में सक्रिय एवं विशिष्ट योगदान के फलस्वरूप हिंदी साहित्य के विकास में उल्लेखनीय कार्य करने वाले डॉ प्रभु चौधरी को राष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित अतिथियों ने शाल श्रीफल अभिनंदन पत्र एवं 2501 प्रदान किया ।  डॉ चौधरी को डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन , श्री बृजकिशोर शर्मा अध्यक्ष, श्री हरेराम वाजपेई अध्यक्ष हिंदी परिवार इंदौर, डॉ हरिसिंह पाल महामंत्री नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली, श्रीमती सुवर्णा जाधव, डॉ अशोक कुमार भार्गव उपाध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारी, अध्यक्ष डॉ शिवा लोहारिया जयपुर, डॉ रश्मि चौबे राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ,डॉ अरुणा शुक्ला, डॉ अनसूया अग्रवाल राष्ट्रीय संयोजक ,श्री पदम चन्द

वनमाली कथा सम्मान में देश-विदेश के कई लेखिकाएं हुई शामिल

  प्रमुख रहे, ममता कालिया, दिव्या माथुर, गीतांजलि श्री, डॉ. सुनीता श्रीवास्तव व सुधा ओम ढींगरा भोपाल। विश्व रंग टैगोर साहित्य व कला महोत्सव, वनमाली सृजन पीठ और रविंद्र नाथ टैगोर यूनिवर्सिटी के तत्वावधान में भोपाल के रविंद्र भवन में आयोजित त्रिदिवसीय "वनमाली कथा सम्मान 2022"  में हिंदी साहित्य की दो प्रमुख हस्तियों का हुआ सम्मान गीतांजलि श्री और धनंजय वर्मा को एक-एक लाख रुपए, श्रीफल व शॉल से भेट कर हुआ सम्मान।  इस दौरान देश-विदेश से आए हुए साहित्यकारों का रचनापाठ भी हुआ। रचनापाठ कार्यक्रम में हिंदी साहित्य जगत व भारत के सर्वश्रेष्ठ साहित्यकारों ने शिरकत करी। जिसमे भारत की प्रमुख साहित्यकारों में से एक, दिल्ली यूनिवर्सिटी की पूर्व प्राध्यापिका ममता कालिया जी, प्रवासी भारतीय वरिष्ठ साहित्यकार, विख्यात लेखिका: सुधा ओम ढींगरा, इंदौर से वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुनीता श्रीवास्तव, वनमाली कथा सम्मान 2022 से अलंकृत गीतांजलि श्री तथा धनंजय वर्मा, विश्व रंग टैगोर लिट एंड आर्ट फेस्ट के निदेशक: संतोष चौबे तथा लीलाधर मंडलोई, प्रवासी भारतीय साहित्यकार- दिव्या माथुर व मुकेश वर्मा का प्रमुख

परीक्षा को समय पर करवाना और परिणाम को समय पर घोषित करना विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी प्राथमिकता है - प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलगुरु, विक्रम विश्वविद्यालय

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विश्वविद्यालय के विभिन्न परीक्षा केंद्रों का किया निरीक्षण उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 को विक्रम विश्वविद्यालय के विभिन्न परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया।  कुलगुरु प्रो पांडेय ने परीक्षाओं का निरीक्षण करते हुए कहा कि परीक्षा का संचालन एवं परिणाम की घोषणा समय पर करवाना विश्वविद्यालयों को प्राथमिकता है। अपनी बात को बढ़ाते हुए कुलगुरु जी ने कहा कि इस समय संपूर्ण विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में परीक्षाओं का संचालन हो रहा है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के शिक्षकों और विश्वविद्यालय के शिक्षा, अधिकारियों और कर्मचारियों का यह प्रमुख दायित्व है कि वे सामूहिक टीम भावना से परीक्षाओं को सफल बनाने का प्रयास करें।  विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कुलगुरु जी ने विक्रम विश्वविद्यालय के सुमन मानविकी भवन परीक्षा केंद्र एवं माधव कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय की परीक्षाओं का निरीक्षण किया।  उनके साथ माधव महाविद्यालय के

भारतरत्न डॉ. भीम राव अंबेडकर जी की 134 वीं जन्म-जयंती विधानसभा में मनाई गई

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल, रविवार, 14 अप्रैल, 2024 । भारत के संविधान निर्माता, भारतरत्न डॉ. भीम राव अंबेडकर जी की 134 वीं जन्म-जयंती, उनके पुण्य स्मरण के साथ मध्यप्रदेश विधानसभा में मनाई गई।  इस अवसर पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और भारत के स्वतंत्रता संग्राम एवम राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को याद किया गया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री ए. पी. सिंह, अपर सचिव श्री बी. डी. सिंह,  उपसचिव श्री शौखीलाल प्रजापति, अवर सचिव श्री राजेन्द्र वर्मा, श्री नरेन्द्र मिश्रा सहित विधानसभा सचिवालय के  अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित थे। ✍  राधेश्याम चौऋषिया  Radheshyam Chourasiya Radheshyam Chourasiya II ● सम्पादक, बेख़बरों की खबर ● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन ● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश ● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक ● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति "बेख़बरों की खबर" फेसबुक पेज... Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खब

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