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विक्रम विश्वविद्यालय में कविता और चित्रों की जुगलबंदी एवं सृजन सम्मान हुआ, अज्ञेय काव्य के विविध आयामों पर हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी

अज्ञेय, श्रीनरेश मेहता जैसे कवि  सत्य बोलने की ताकत देते हैं – पूर्व कुलपति प्रो मिश्र  हिंदी रचनाधर्मिता को आमजन के साथ - साथ विश्व फलक पर  पहुंचाया अज्ञेय ने – प्रो लोहनी  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में रामनवमी के पावन अवसर पर और प्रख्यात कवि - कथाकार स. ही. वात्स्यायन अज्ञेय की स्मृति में राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं व्याख्यान, समकालीन कविताओं पर केंद्रित रूपांकन एवं सम्मान समारोह हिंदी अध्ययनशाला, वाग्देवी भवन में शनिवार दोपहर में संपन्न हुआ। इस अवसर पर ललित कला अध्ययनशाला के विद्यार्थी- कलाकारों द्वारा समकालीन रचनाकारों की कविताओं पर केंद्रित रूपांकन तथा सर्जकों का सम्मान किया गया। अध्यक्षता कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज ने की। विशिष्ट उद्बोधन पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र ने दिया।  अज्ञेय के काव्य के विविध आयामों पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो नवीनचंद्र लोहनी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक एवं विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, प्रो गीता नायक, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा ने व...

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025: "स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य"

प्रति वर्ष, दुनिया भर में 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन 7 अप्रैल 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना की याद में मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना के साथ ही विश्व स्वास्थ्य दिवस की नींव रखी गई थी, और तब से प्रतिवर्ष 7 अप्रैल को इसे मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में सुधार करना और वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित करना है। इसके लिए हर साल एक नई थीम निर्धारित की जाती है। विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम है "स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य" (Healthy beginnings, Hopeful Futures)। यह थीम विशेष रूप से माता और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य गर्भावस्था, डिलीवरी, और पोस्टपार्टम (सूतिका) अवस्था के दौरान उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरतों पर जोर देना है, ताकि माता और नवजात मृत्यु दर (Maternal and Neonatal mortality) को कम किया जा सके। आयुर्वेद के अनुसार , गर्...

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में "स्वर्णप्राशन कार्यक्रम" 7 अप्रैल को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 7 अप्रैल-2025 सोमवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें। प्रत्येक बालक / बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रु. 50/-निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे. पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

सुविख्यात समाजसेवी पद्मश्री धर्मपाल सैनी को 27वें राष्ट्रीय क्रांतिवीर अवार्ड 2025 से गरिमामय आयोजन में किया गया सम्मानित

उज्जैन। शुक्रवार 4 अप्रैल दत्त अखाड़ा घाट पर भारत  के स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय रामचंद्र रघुवंशी काकाजी की स्मृति में 27वें राष्ट्रीय क्रांतिवीर अवार्ड का  गरिमामय आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ  सुप्रसिद्ध गायक अमित शर्मा के द्वारा राष्ट्र प्रेम के गीतों से हुआ।  मंचासीन अतिथियों द्वारा  स्वर्गीय रामचंद्र रघुवंशी जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित  की गई।  राष्ट्रीय क्रांतिवीर अवार्ड 2005 में  राष्ट्रीय क्रांतिवीर अवार्ड से सम्मानित प्रसिद्ध अभिनेता स्वर्गीय मनोज कुमार को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई । मंचासीन अतिथियों का स्वागत  डॉ. प्रकाश रघुवंशी द्वार तुलसी की माला पहनाकर  किया। तत्पश्चात उनके द्वारा स्वागत भाषण एवं रामचंद्र रघुवंशी काकाजी के योगदानों को रेखांकित किया ।श्रीमती पद्मजा रघुवंशी की  संस्था  प्रतिभा संगीत कला संस्था के कलाकारों द्वारा मनमोहक गणेश वंदना व दुर्गा स्तुति नृत्य नाटिका से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। नृत्य गुरु रितु शर्मा द्वारा प्रशिक्षित अंकित सेवाधाम के बच्चों ...

विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक सम्पन्न

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की कार्यपरिषद् की बैठक शुक्रवार दिनांक 04 अप्रैल 2025 को सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने की। बैठक में कार्यपरिषद् के सदस्य श्री रूपचन्द पमनानी, श्री राजेश सिंह कुशवाह, श्री वरुण गुप्ता, श्रीमती मंजूषा मिमरोट, डॉ. कुसुमलता निंगवाल, डॉ. संजय वर्मा, डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. गीता नायक, डॉ. कामरान सुल्तान, डॉ. उमेश कुमार सिंह, डॉ. एस. के. मिश्रा, डॉ. कमलेश दशोरा, संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा प्रभारी श्री पवन चौहान एवं कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के 29 वें दीक्षान्त समारोह के अवसर पर महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय एवं माननीय उच्च शिक्षा मंत्री श्री इन्दरसिंह परमार जी की गरिमामयी उपस्थिति में माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तित कर सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय किये जाने की घोषणा की गई। आज की कार्यपरिषद् की आपात बैठक में कार्यपरिषद् के सदस्यों द्वारा सर्वानुमति से इस घोषणा के प्रति हर्ष व्यक्त किया गया एवं महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय, मान...

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा महिला प्रकोष्ठ द्वारा सामूहिक गणगौर पूजा का आयोजन

उज्जैन। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा महिला प्रकोष्ठ द्वारा सामूहिक रूप से गणगौर पूजा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूजा विधि के दौरान ईश्वर और गोरा शिव पार्वती के रूप में उन्हें पानी पिलाने ले जाते हैं। ढोल धमाकों के साथ व्रत के साथ पूजा की जाती है और फिर उन्हें सिर पर उठाकर ले जाया जाता है। पूजा की कथा में यह बताया गया कि भगवान के जीवन में भी कष्ट रहे हैं और जीवन में हर इंसान को कष्टों का सामना करना पड़ता है, जिसे सहन करना आना चाहिए। इस पूजा कार्यक्रम में समाज की वरिष्ठ महिलाएँ श्रीमती राजकुमारी ठाकुर, श्रीमती अनीता नरूका, श्रीमती बबिता राजपूत, श्रीमती विजया चुंडावत, चंचल चौहान, नेहा चौहान, रानू पवार, श्रीमती हेमंत कुंवर राठौर आदि उपस्थित थीं। इस आयोजन की जानकारी सुश्री ममता गौड़ द्वारा दी गई।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा श्रेष्ठी श्री जगराम गुप्त स्मृति नव संवत्सर अलंकरण से सम्मानित

नवसंवत्सर पर शिप्रा तट पर सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर किया गया नववर्ष का अभिनन्दन सृष्ट्यादि युगादि नवसंवत्सर आयोजन समिति द्वारा  उज्जैन। सृष्ट्यादि युगादि नवसंवत्सर आयोजन समिति द्वारा कालगणना के केंद्र उज्जैन स्थित शिप्रा तट पर नवसंवत्सर के अवसर पर शिप्रा तट पर सूर्य को अर्घ्य प्रदान करते हुए पुण्यसलिला शिप्रा का पूजन कर नववर्ष का अभिनन्दन किया गया। आयोजन में नवसंवत्सर अभिनन्दन करते हुए मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने देशवासियों को नववर्ष की मंगलकामनाएं अर्पित कीं। आयोजन में उज्जैन उत्तर के विधायक श्री अनिल जैन कालूखेड़ा, पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंद जी, पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, नव संवत संस्था के अध्यक्ष पंडित योगेश शर्मा, सचिव श्री प्रतीक जैन, वरिष्ठ शिक्षाविद श्री बी के शर्मा, समाजसेवी श्री विनोद काबरा की गरिमामयी उपस्थिति रही। अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने की। कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्रकुमार शर्मा को श्रेष्ठी श्री जगराम गु...

विक्रम विश्‍व विद्यालय अब सम्राट विक्रमादित्‍य विश्‍व विद्यालय के नाम से जाना जाएगा – मुख्‍यमंत्री डॉ यादव

विक्रम विश्‍वविद्यालय का 29 वां दीक्षांत समारोह सम्‍पन्‍न हुआ मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव को विश्‍वविघालय के द्वारा डी लिट् की उपाधि प्रदान की गई 70 विघार्थियों को उपाधि, 99 को मेडल और 02 शोधार्थियों को डी लिट् की उपाधि प्रदान की गई उज्जैन। रविवार, 30 मार्च को भारतीय नववर्ष की प्रतिपदा के अवसर पर राज्‍यपाल श्री मंगुभाई पटेल की अध्‍यक्षता और मुख्‍यमंत्री डॉ मोहन यादव के मुख्‍य आतिथ्‍य में विक्रम विश्‍वविद्यालय का 29वां दीक्षांत समारोह सम्‍पन्‍न हुआ। समारोह का आयोजन विक्रम विश्‍व विद्यालय के स्‍वर्ण जयंती सभागार में किया गया। कुलाधिपति एवं राज्‍यपाल श्री पटेल ने इस अवसर पर कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित इस दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हो कर अत्यधिक आनन्द का अनुभव हो रहा है। इस दीक्षान्त समारोह में अपनी उपाधियाँ प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को मैं आत्मीय बधाई देते हुए आप सभी के यशस्वी एवं मंगलमय भविष्य की कामना करता हूँ। यह दीक्षांत समारोह वास्‍तव में सेवा का संकल्‍प समारोह है। जीवन में सफलता के लिए कठोर अनुशासन की आवश्‍यकता होती है। शिक्षा, धर्म, साहित्य, संस्कृति, विज्ञान तथा ...

विश्व शून्य अपशिष्ट दिवस पर विक्रम विवि में जागरूकता अभियान, अपशिष्ट प्रबंधन और अन्न के सम्मान का संदेश

उतना ही लो थाली में, व्यर्थ न जाए खाली में शून्य अपशिष्ट जीवनशैली में रासेयो की मुख्यभूमिका - प्रो. डॉ. भारद्वाज, कुलगुरु उज्जैन: संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित विश्व शून्य अपशिष्ट दिवस के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में शून्य अपशिष्ट जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रमुख वक्ताओं ने शून्य अपशिष्ट जीवनशैली की आवश्यकता और पर्यावरण पर इसके प्रभाव को लेकर अपने विचार साझा किए। प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज, विक्रम विवि के कुलगुरु, ने इस अभियान की अध्यक्षता करते हुए कहा, "शून्य अपशिष्ट जीवनशैली का उद्देश्य अपशिष्ट को शून्य या न्यूनतम स्तर तक सीमित करना, वस्तुओं का पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण करना, और एकल-उपयोग वाले उत्पादों से बचना है, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।" उन्होंने विशेष रूप से भोजन की बर्बादी के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा, "घर में बचा हुआ भोजन हम खाते हैं, लेकिन सामाजिक समारोहों में अक्सर हम आवश्यकता से ज्यादा भोजन प्लेट में लेकर छोड़ देते हैं, जो बाद में डस्टबिन में चला जाता है। य...

विक्रमादित्यकालीन समाजोन्मुखी वित्त व्यवस्था अध्ययन प्रासंगिक : प्रो. भारद्वाज, कुलगुरु

वित्तीय साक्षरता पर जोर वित्तीय जागरूकता एवं उपभोक्ता प्रशिक्षण पर एक कार्यशाला संपन्न एनसीएफई-आरबीआई-सेबी के सहसंयोजन में विक्रम विवि में कार्यशाला हुई आयोजित  उज्जैन । पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय ने विक्रमोत्सव 2025 के अवसर पर वित्तीय जागरूकता एवं उपभोक्ता प्रशिक्षण पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को वित्तीय साक्षरता और समावेशन के महत्व को समझाना था। यह आयोजन एनसीएफई, आरबीआई और सेबी के सहयोग से किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने किया। उन्होंने अपने उद्घाटन संदेश में बताया कि संयुक्त राष्ट्र संपोषणीय विकास लक्ष्यों में से वित्तीय साक्षरता एवं समावेशन के लक्ष्य का पालन करना विकासशील राष्ट्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। प्रो. भारद्वाज ने सम्राट विक्रमादित्य के समय की वित्तीय व्यवस्था को भी महत्वपूर्ण बताया, जो समग्र प्रजा के हित में कार्य करती थी। इस कार्यशाला में विभिन्न विशिष्ट वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। एसबीआई समूह के वरिष्ठ संपर्क प्रबंधक श्री नीतेश पांडे ने अपने बैंक...

विक्रम विश्वविद्यालय का 29 वाँ दीक्षान्त समारोह 30 मार्च, 2025 को, मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल करेंगे दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता

विक्रम विश्वविद्यालय का 29 वाँ दीक्षान्त समारोह 30 मार्च, 2025 को, मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल करेंगे दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता मध्यप्रदेश के माननीय यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को डी. लिट. की मानद उपाधि से अलंकृत किया जाएगा उनतीसवें दीक्षांत समारोह में उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का 29 वाँ दीक्षान्त समारोह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा तदनुसार दिनांक 30 मार्च, 2025 को प्रातः काल 10:30 बजे विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में होगा। मध्यप्रदेश के महामहिम कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता करेंगे। समारोह के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव होंगे एवं उन्हें मानद डी.लिट् उपाधि से अलंकृत किया जाएगा। कार्यक्रम के सम्माननीय अतिथि श्री इंदरसिंह परमार माननीय मंत्री, उच्च शिक्षा, म.प्र. शासन होंगे। शुक्रवार रात तक समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। समारोह की रिहर्सल शनिवार को दो बार करवाई जाएगी।  यह जानकारी देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार...

विक्रम विश्वविद्यालय का 29 वाँ दीक्षान्त समारोह मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल जी की अध्यक्षता में होगा 30 मार्च, 2025 को

दीक्षांत समारोह में मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी को डी. लिट. की मानद उपाधि से अलंकृत किया जाएगा उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का 29 वाँ दीक्षान्त समारोह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा तदनुसार दिनांक 30 मार्च, 2025 को प्रातः काल 10:30 बजे विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में होगा। मध्यप्रदेश के महामहिम कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता करेंगे। समारोह के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव होंगे एवं उन्हें मानद डी.लिट् उपाधि से अलंकृत किया जाएगा। कार्यक्रम के सम्माननीय अतिथि श्री इंदरसिंह परमार माननीय मंत्री, उच्च शिक्षा, म.प्र. शासन होंगे। यह जानकारी देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि सम्माननीय अतिथि राष्ट्रीय संत बालयोगी, माननीय संसद सदस्य, राज्यसभा श्री उमेशनाथ जी महाराज, माननीय संसद सदस्य, लोकसभा श्री अनिल फिरोजिया  एवं माननीय विधायक, म.प्र. विधानसभा श्री अनिल जैन कालूहेड़ा होंगे। समारोह में श्री कमलेश डी. पटेल, पद्म भूषण वैश्विक अध्यक्ष, श्री राम...

जीवंत डिजिटल अरेस्ट, बूट कैंप जागरुकता जरूरी - कुलगुरु प्रो. भारद्वाज

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान और प्रबंध संकाय-आईआईसी प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में ‘वित्तीय साक्षरता, साइबर क्राइम सुरक्षा, बैंकिंग करियर्स’ विषय पर बूट कैंप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने अपने शुभकामना संदेश में विद्यार्थियों को वित्तीय जागरूकता के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि भविष्य में वे आर्थिक निर्णयों को सही तरीके से ले सकें। उन्होंने साइबर सिक्योरिटी, साइबर फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट, वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इस बूट कैंप के आयोजन को प्रासंगिक बताया। साइबर सुरक्षा और वित्तीय साक्षरता पर कार्यशाला इस बूट कैंप की शुरुआत में प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने अतिथि वक्ता और विक्रम विवि की एल्युमिनी एनसीएफई आरबीआई-एसबीआई से संबद्ध की वित्तीय समावेशन प्रशिक्षक श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव का विस्तृत परिचय दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के संपोषणीय विकास लक्ष्यों 1, 2, 3, 5, 7, 8, 9 को जोड़ते हुए वित्तीय साक्षरता को प्रस्तुत ...

विक्रम विश्वविद्यालय के आईआईपीएस के विद्यार्थियों ने अडानी हजीरा पोर्ट और विल्मर का औद्योगिक भ्रमण किया

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (आईआईपीएस) के विद्यार्थी हाल ही में अदानी हजीरा पोर्ट (सूरत) और विल्मर इंडस्ट्रियल विजिट पर गए और वहां से लौटे। यह भ्रमण आईआईपीएस विभाग द्वारा आयोजित किया गया था, जिसे छात्रों के लिए औद्योगिक अनुभव प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर माना गया। गत वर्ष भी विभाग द्वारा गुजरात के अदानी के मुंद्रा पोर्ट (कच्छ) का दौरा कराया गया था। हाजिर पोर्ट के हेड श्री नीरज बंसल ने विद्यार्थियों को पोर्ट की कार्यप्रणाली के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि अडानी हजीरा पोर्ट, गुजरात के सूरत के पास स्थित एक बहुउद्देशीय बंदरगाह है, जिसे अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) द्वारा संचालित किया जाता है। इस बंदरगाह में 6 ऑपरेटिंग बर्थ हैं, जिनकी कुल वार्षिक क्षमता 30 मिलियन टन है। श्री बंसल ने बताया कि APSEZ भारत में सबसे बड़ा वाणिज्यिक बंदरगाह संचालक है और इसका उद्देश्य भारतीय समुद्री वाणिज्य के लिए एक उच्च-प्रदर्शन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना है। इसके बाद, विद्यार्थियों ने विल्मर प्लांट का दौरा भी किया, जहां विल्मर ...

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