Skip to main content

Posts

Showing posts with the label देश विदेश

आस्था से विज्ञान तक : कुंभ युवाओं के लिए - मेधा बाजपेई

कुंभ शब्द की व्युत्पत्ति जिस धातु से हुई है। उसका अर्थ  है- आवृत्त करना या आच्छादित करना।  ग्रहों की स्थिति का न केवल आध्यात्मिक महत्व है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से यह पृथ्वी और मानव पर पड़ने वाले प्रभावों को भी दर्शाती है. गुरु, सूर्य और चंद्रमा का विशेष संयोग पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है. इन खगोलीय संयोगों के दौरान कुंभ में स्नान का महत्व अध्यात्म और विज्ञान का समन्वय है. पृथ्वी और अन्य ग्रहों के बीच निश्चित आकर्षण या गुरुत्वाकर्षण होता है और इसीलिए सभी ग्रह  एक दूसरे पर प्रभाव डालते हैं, ये केप्लर ने भौतिकी में  17 वी शताब्दी में  ग्रहों की गति के नियम दिए जबकि  ‘ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु शशि भूमि सुतो बुधश्च, गुरुश्च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वे ग्रहा शांतिकरा भवंतु’  नव ग्रह जप भारत देश में हमेशा से होता आ रहा है।वास्तव में  भारतीय ऋषियों  को ग्रहों, नक्षत्रों, उनकी एक-एक गति के बारे में अद्भुत ज्ञान था।भारत की ज्ञान परंपरा के लगभग सभी धार्मिक- आध्यात्मिक तत्व विज्ञान के सिद्धांतों से प्रमाणित रहे हैं। महाकुंभ उस...

स्मृतिशेष : भारत को दोबारा इतना शिक्षित, सरल और सौम्य प्रधानमंत्री मिलना नामुमकिन

मज़बूत मनमोहन सिंह को कांग्रेस के कर्णधारों ने ही कर दिया था कमजोर ✍️ गणेश साकल्ले   प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की क़ाबिलियत का कांग्रेस हाई कमान ने सच में सदुपयोग किया होता तो शायद उसे आज ये दुर्दिन नहीं देखने पड़ते । पहला कार्यकाल तो उनका ठीक-ठाक रहा, लेकिन दूसरे दूसरे कार्यकाल में हाईकमान और उसके कारिंदों की दबी-कुची महात्वाकांक्षाए कुलाँचे मारने लगी। वह भी सत्ता के दोहन की। यह कब दुरूपयोगों में तब्दील हो गया इसकी हाईकमान को भनक तक नहीं लगी। जब चारों-ओर घपले-घोटालों की गूंज उठने लगी, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।  वर्ष 2005 में मुझे दिल्ली में डॉ. मनमोहन सिंह से मिलने और सीधी बात करने का मौका मिला। अवसर था तीन दिनी सोशल सेक्टर एडिटर कांफ्रेंस के अंतिम दिन प्रधानमंत्री का अपने निवास पर पत्रकारों से मिलने का। इस दौरान एक ग्रुप फोटो सेशन भी होना था, जिसके लिए एस.पी.जी. अधिकारियों ने सात कुर्सियां एक तरफ लगवाकर पत्रकारों को पहले ही उस स्थान पर खड़ा कर रखा था। मगर मैं तो दैनिक भास्कर के विशेष संवाददाता की हैसियत से गया था तो कुछ प्रश्न तो दिमाग में कौंध ही रहे थे, सो मैंने तर...

शतरंज खिलाड़ी चार्वी मेहता एशियन चैम्पियनशिप हेतु बिश्केक रवाना

  उज्जैन। किर्गिज़स्तान  की राजधानी बिश्केक में आयोजित एशियन चेस चैंपियनशिप हेतु उज्जैन की चार्वी मेहता बिश्केक के लिए रवाना हो गई। चैंपियनशिप 10 से 18 नवंबर को आयोजित की जाएगी। चैंपियनशिप में भारत की ओर से 4 महिला एवं 4 पुरुष खिलाड़ी शिरकत कर रहे है।  केन्द्रीय विद्यालय में कक्षा 9वीं में अध्यनरत चार्वी मेहता की गौरवमयी उपलब्धि पर संसद सदस्य पूर्व केन्द्रय मंत्री डॉ सत्यनारायण जटिया, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, निगम सभापति कलावती यादव, एम आई सी सदस्य शिवेंद्र तिवारी, रजत मेहता, प्रकाश शर्मा, गुजराती समाज के अध्यक्ष संजीव भाई पटेल, केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य मुकेश मीणा, मारवाड़ी महिला सम्मेलन की प्रदेश सचिव डॉ रुचिका खंडेलवाल सहित विभिन्न खेल सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने एशियन चैंपियनशिप में अच्छे प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दी है।

भारतीय कम्युनिटी व संस्कृति हेतु भारतीय उच्चायोग द्वारा प्रयास सराहनीय - श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार  🙏 भोपाल। राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन के क्रम में प्रतिनिधिमंडल के न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन पहुँचने पर भारतीय उच्चायुक्त के अधिकारियों द्वारा अगवानी कर दूतावास के नवनिर्मित भवन का अवलोकन कराया गया तथा सेवा गतिविधियों की जानकारी दी गई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में अन्य विधानमंडल के पदाधिकारी, सचिव आदि भी उपस्थित थे। प्रतिनिधिमंडल द्वारा न्यूजीलैंड की संसद का भी अवलोकन किया गया। इस अवसर पर श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा ने कहा कि, परदेश में मेरा दोस्त (Home away from Homeland) की तर्ज पर यहां उच्चायोग के अधिकारियों द्वारा  न्यूजीलैंड में प्रवासी, भारतीय मूल के नागरिकों एवं व्यवसाय करने वालों के सहयोग हेतु सराहनीय कार्य किया जा रहा है।  यहाँ उच्चायुक्त सुश्री नीता भूषण हैं जो न्यूज़ीलैंड के साथ समीप के अन्य देशों की भी प्रभारी हैं। प्रारंभ में उच्चायोग में पदस्थ श्री मुकेश घीया, कॉन्स्यूलर व चांसरी प्रमुख द्वारा बताया गया कि, इस देश में भारत मूल के लोगों की जनसंख्या काफी अच्छी है, आबादी का 6 प्रतिशत ...

संसदीय व्यवस्था के सशक्तिकरण में समिति प्रणाली की भूमिका महत्वपूर्ण - श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल। ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स प्रांत की राजधानी सिडनी में 67वां राष्ट्रमंडल देशों का संसदीय सम्मेलन आयोजित किया गया है, जिसका मुख्य विषय "सशक्त, सतत और समावेशी लोकतंत्र के लिए रूपरेखा निर्धारण" है। इस सम्मेलन का शुभारंभ राष्ट्रमंडल देशों के प्रतिनिधिमंडलों की उपस्थिति में न्यू साउथ वेल्स राज्य की राज्यपाल, राज्य संसद के अध्यक्ष तथा प्रीमियर द्वारा किया गया।  इस अवसर पर आयोजित राष्ट्रमंडल देशों की संसद एवं विधानमंडलों के सचिवों के वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मध्यप्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री अवधेश प्रताप सिंह और सचिव भी भाग ले रहे हैं। सम्मेलन के पहले दिन, श्री अवधेश प्रताप सिंह,  प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संसदीय समितियां विधायिका की अनुपूरक होती हैं और इन समितियों का संसदीय प्रणाली में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय आधार पर गठित स्थायी विधायी समितियां निरंतर कार्यरत रहती हैं, जबकि प्रवर समितियां का कार्यकाल विधेयक परीक्षण, प्रकरण जांच या ...

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार