नीम का अद्भुत औषधि का प्रयोग: गुड़ीपड़वा पर्व से शुरुआत करके त्वचा रोगों को दूर करें - डॉ प्रकाश जोशी
गुड़ीपड़वा पर्व से नववर्ष की शुरुआत पर नीम के पत्तों का प्रयोग चर्म रोगों को दूर करने में सहायक सिद्ध हो सकता है। यह मान्यता चैत्र नवरात्रि के समय से प्रचलित है। आयुर्वेदाचार्यों ने अपनी संहिता ग्रंथों में यह उल्लेख किया है कि गुड़ीपड़वा पर्व पर 15 दिन तक नीम का प्रयोग काली मिर्च और मिश्री के साथ मिलाकर करने से वर्षभर त्वचा रोग उत्पन्न नहीं होते। नीम और पीपल: प्राकृतिक आक्सीजन के स्रोत नीम और पीपल ही ऐसे वृक्ष हैं जो 100% आक्सीजन इस संसार को प्रदान करते हैं। आयुर्वेद ग्रंथों में नीम को कई नामों से संबोधित किया गया है, जैसे अरिष्टक, पीचुमर्द, और हींगुनिर्यास। नीम के अद्भुत गुण: चर्म रोगों में लाभकारी नीम के अंदर जरा को रोकने की अद्भुत क्षमता पाई जाती है। इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो चर्म रोगों और त्वचागत विकारों में लाभकारी सिद्ध होते हैं। गुड़ीपड़वा पर्व पर नीम का सेवन: गुड़ीपड़वा पर्व से लगातार 15 दिन तक नीम का 10 ग्राम मात्रा में, काली मिर्च और मिश्री (5-5 नग) के साथ प्रयोग करने से त्वचागत विकारों में लाभ मिलता है और यह चीरयुवा बनाए रखने में मदद करता है। त्वचा के स...