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कालिदास समारोह में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में हुआ कालिदास साहित्य के सन्देश और उन पर शोध की नई दिशाओं पर विमर्श

जीवन के सभी पक्षों में उन्नति के सूत्र हैं कालिदास की वाणी में – प्रो शुक्ल  कालिदास साहित्य पर नई दृष्टियों से शोध की आवश्यकता है – पूर्व कुलपति डॉ मोहन गुप्त  उज्जैन। मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कालिदास समारोह के आयोजन के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का द्वितीय सत्र आयोजित किए गया। इस सत्र में कालिदास साहित्य के सन्देश और उन पर शोध की नई दिशाओं पर व्यापक विमर्श हुआ।  सत्र की अध्यक्षता काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो भगवत्शरण शुक्ल ने की। कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं पूर्व संभागायुक्त डॉ मोहन गुप्त, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ विद्वान प्रो केदारनारायण जोशी, प्रो सरोज कौशल एवं  विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर विचार व्यक्त किए। प्रो. भगवतशरण शुक्ल वाराणसी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि कालिदास के विषय में जो कहा जाए वह अच्

झोपड़ी-झोपड़ी और खोपड़ी-खोपड़ी तक फैल चुका है जननायक बिरसा मुंडा का प्रभाव: विजय मनोहर तिवारी

जनजातीय गौरव बिरसा मुंडा जयंती पर कार्यक्रम आयोजित भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में 'बिरसा मुंडा जयंती' 15 नवम्बर की पूर्व संध्या पर जनजातीय समुदाय के योगदान पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें श्री विजय मनोहर तिवारी, पूर्व सूचना आयुक्त, मध्य प्रदेश ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम में श्री तिवारी ने महान आदिवासी नेता और समाज सुधारक बिरसा मुंडा के कृतित्व और व्यक्तित्व पर गहराई से चर्चा की। अपने व्याख्यान में श्री तिवारी ने कहा कि बिरसा मुंडा ने अपने 25 वर्ष के अल्प जीवन में आदिवासी समुदाय के लिए अनगिनत योगदान दिए। उन्होंने आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई, धर्म परिवर्तन का विरोध, शिक्षा और साक्षरता का प्रचार, महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, बाल विवाह के खिलाफ संघर्ष और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने विशेष रूप से आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का विरोध किया और उनके सांस्कृतिक तथा धार्मिक परंपराओं की रक्षा की। बिरसा मुंडा का जन्म 1872 में झारखंड के रांची जिले में हुआ था और उनकी मृत्यु 1901 में हुई, लेकिन उनका योगदान आज भी आदिवासी समुदाय के लिए प्र

भारतीय मूल्य एवं गीता ज्ञान वर्तमान में सर्वाधिक उपयोगी : अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव, विधानसभा मध्यप्रदेश

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल । संसदीय प्रतिनिधिमंडल में आमंत्रण पर ऑकलैंड स्थित सर्वधर्म भारतीय मंदिर, हरे कृष्ण मंदिर, बुद्धिस्ट मॉनेस्ट्री, स्वामीनारायण मंदिर आदि का अवलोकन किया गया ।  ऑकलैंड के समीप में हरे कृष्णा मंदिर के द्वारा आयोजित कार्तिक व देव एकादशी पूजा कार्यक्रम में प्रमुख सचिव विधान सभा श्री अवधेश प्रताप सिंह ने आयोजकों द्वारा सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, भारतीय मूल्य, अध्यात्म एवं गीता ज्ञान वर्तमान समय के भौतिक व तनावपूर्ण वातावरण में सर्वाधिक उपयोगी है।   न्यूज़ीलैंड के ऑकलैंड शहर व समीप क्षेत्र में भारतीय समुदाय द्वारा मंदिर संचालन तथा दिवाली, तुलसी विवाह, कार्तिक पूजा जैसे धार्मिक आयोजन करना विदेश में भारतीय मूल्य व संस्कृति को अक्षुण्य रखने का सराहनीय कार्य है। ऐसे आध्यात्मिक आयोजन भारतीय मूल की भावी पीढ़ी को भारत की विरासत व मूल्यों से परिचित कराने हेतु जहां बहुत उपयोगी होते हैं वहीं वर्तमान तनाव और डिप्रेशन के माहौल से बच्चों को बचाने के लिये गीता का कर्मयोग, अध्यात्म चिंतन या ध्यान प्राणायाम ज़रूरी है, आज यह समय की माँग

अखिल भारतीय कालिदास समारोह में आयोजित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के प्रथम सत्र में हुआ कालिदास के युग परिवेश, संस्कृति और समकालीन प्रासंगिकता पर मंथन

शैव दर्शन और प्रत्यभिज्ञा सिद्धांत के उद्देश्य हैं व्यापक और  कालिदास की वाणी पर है उनका प्रभाव - फिलिप रोचिन्स्की कालिदास की रचनाओं में उपस्थित उन तत्वों को देखें, जो उन्हें बनाते हैं कालजयी और प्रासंगिक– कुलगुरु प्रो मेनन   उज्जैन। मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कालिदास समारोह के आयोजन के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का प्रथम सत्र आयोजित किए गया। इस सत्र में कालिदास के युग परिवेश, संस्कृति, इतिहास, शासन व्यवस्था और उनकी समकालीन प्रासंगिकता पर व्यापक मंथन हुआ। प्रथम सत्र की अध्यक्षता काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर उपेंद्र पांडेय ने की। कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर विजय कुमार मेनन सीजी थे। विशिष्ट अतिथि वारसा विश्वविद्यालय, पोलैंड के फिलिप रोचिन्स्की - शिवानंद शास्त्री, पद्मश्री से सम्मानित विद्वान डॉक्टर भगवतीलाल राजपुरोहित, पुरातत्वविद डॉ नारायण व्यास, भोपाल, विक्रम विश्ववि

इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के संदर्भ में टीवीईटी के विकास पर वैश्विक विचार-विमर्श

निटर भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल एवं सीपीएससी मनीला द्वारा भविष्य के कौशल और उभरती प्रौद्योगिकियों के संदर्भ में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) के सशक्तीकरण पर केंद्रित एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया। संगोष्ठी का उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा के लिए इमर्जिंग टेक्नोलॉजी और भविष्य के लिए तैयार कौशल के एकीकरण पर केन्द्रित था, जिसमें कई देशों से प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. राजेश खंबायत ने ग्लोबल वर्कफोर्स में डिजिटल साक्षरता और तकनीकी कौशल की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए टीवीईटी प्रणालियों को सुधारने के महत्व पर प्रकाश डाला।  संगोष्ठी के मुख्य अतिथि भोज विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. संजय तिवारी थे, जिन्होंने प्रौद्योगिकी-संचालित दुनिया की मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक कौशल पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा, "नवाचार हमें आज जीने और कल के लिए आशा करने के लिए प्रेरित करता है।" सीपीएससी के महानिदेशक डॉ. एस.के. धमेजा ने वैश्विक कौशल विकास के उभरते परिदृश्य तथा शैक्षिक प्रणालि

सोलहवीं मध्य प्रदेश विधानसभा के चतुर्थ सत्र की अधिसूचना जारी

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏  भोपाल । मध्य प्रदेश की सोलहवीं विधानसभा का चतुर्थ सत्र सोमवार, दिनांक 16 दिसंबर, 2024 से आरंभ होकर शुक्रवार, 20 दिसंबर, 2024 तक चलेगा । राज्यपाल महोदय द्वारा अनुमोदित तदाशय की अधिसूचना विधानसभा सचिवालय द्वारा आज जारी कर दी गई है । मध्यप्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री अवधेश प्रताप सिंह के अनुसार इस 5 दिवसीय सत्र में सदन की कुल 5 बैठकें होंगी, जिसमें महत्वपूर्ण शासकीय कार्य संपादित किए जायेंगे। इस हेतु विधानसभा सचिवालय में अशासकीय विधेयकों की सूचनाएं 20 नवंबर, 2024 तथा अशासकीय संकल्पों की सूचनाएं 5 दिसंबर, 2024 तक प्राप्त की जावेंगी। जबकि स्थगन प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण, नियम 267 - क के अधीन सूचनाएं विधानसभा में 10 दिसंबर, 2024 से कार्यालय में पूर्वान्ह 11:00 बजे अपराह्न 4:00 तक प्राप्त की जावेंगी। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की सोलहवीं विधानसभा का यह चतुर्थ सत्र होगा। ✍  राधेश्याम चौऋषिया  Radheshyam Chourasiya Radheshyam Chourasiya II ● सम्पादक, बेख़बरों की खबर ● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन ● राज्

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