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आउटकम बेस्ड एजुकेशन एन्ड एक्रेडिटेशन पर अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन

भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में आउटकम बेस्ड एजुकेशन एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालय के एक्रेडिटेशन पर अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया।  निटर निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने अपने स्वागत सन्देश में कहा कि आज प्रदेश के इंजीनियरिंग महाविद्यालय की गुणवत्ता को सुधरने की आवश्यकता है। निटर भोपाल एक्रेडिटेशन के क्षेत्र में देश भर में कार्य कर रहा है। प्रो. त्रिपाठी ने निटर भोपाल द्वारा करिकुलम डिज़ाइन एवं अन्य क्षेत्रों में किया जा रहे कार्यों पर विस्तृत प्रकाश डाला।  नेशनल बोर्ड ऑफ़ एक्रिडिटेशन (एनबीए) के मेंबर सेक्रेटरी डॉ. अनिल कुमार नासा ने इस कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए  नए  सेल्फ असेसमेंट रिपोर्ट के फॉर्मेट पर जानकारी दी।  एनबीए के अध्यक्ष डॉ अनिल सहस्रबुद्धे ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, क्वालिटी पैरामीटर्स आदि पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि आउटकम बेस्ड एजुकेशन थेओरिटिकल नॉलेज नहीं बल्कि इक्स्पीरीएन्शल नॉलेज पर आधारित है।  श्री रघुराज माधव राजेंद्रन, सचिव, तकनीकी शिक्षा, मध्य प्रदेश ने कौशल विकास एवं रोजगार की दिशा में किया जा रहे प्रया...

विधायिका की उत्पादकता बढ़ाने में आधुनिक तकनीक बहुत उपयोगी : श्री सिंह, प्रमुख सचिव

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 पटना (बिहार) । पटना में भारत के  विधायी निकायों के सचिवों के 61वें सम्मेलन में भाग लेते हुए श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधान सभा ने विधान सभा के नवाचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि, मध्यप्रदेश विधान सभा प्रश्नों आदि की सूचनाएँ सदस्यों से ऑनलाइन प्राप्त करने तथा विधान सभा आश्वासनों, प्रश्न आदि भेजने के साथ उनकी जानकारी शासन के विभागों से  पेपरलेस रीति से प्राप्त करने में अग्रणी रही है। आधुनिक तकनीक के उपयोग से विधान सभा की उत्पादकता में निरंतर वृद्धि हुई है। श्री सिंह ने वक्तव्य में कहा कि, अब लेस पेपर से पेपरलेस विधान सभा हेतु नेवा परियोजना का कार्यान्वयन मा.अध्यक्ष के मार्गदर्शन में इसी वर्ष मानसून सत्र से प्रारंभ हो जायेगा। इसके लिए सदन व सदन के बाहर विधान सभा सदस्यों, सचिवालय तथा शासन के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र आदि व्यवस्थाएँ तत्परता से की जा रहीं हैं। इस हेतु संसदीय कार्य मंत्रालय, मध्यप्रदेश विधान सभा एवं शासन के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध के तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। श्री सिंह ने कहा कि, ए आई (AI) जैसी आ...

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान ने किसानों से जलवायु समुत्थान कृषि पर चर्चा कर, व्यावहारिक प्रशिक्षण तथा उन्नत कृषि यंत्रों का वितरण किया

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 भोपाल । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (भा.कृ.अनु.स-सी.आई.ए.ई), भोपाल ने 17 जनवरी, 2025 को ग्राम ‘काछी बरखेड़ा एवं सगोनिया’ जिला भोपाल में एन. आई. सी. आर. ए. प्रोजेक्ट के अंतर्गत, एससीएसपी-किसानों (36 किसानों) से जलवायु समुत्थान कृषि पर चर्चा और कृषि औजारों एवं यंत्रों पर कृषकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण तथा उन्नत कृषि यंत्रों का वितरण किया।  इस सत्र के दौरान ग्राम की सरपंच महोदया श्रीमती रेखा मेहर की उपस्तिथि में आईसीएआर-सीआईएई भोपाल के डॉ. सी. एस. सहाय (प्रधान वैज्ञानिक एवं परियोजना अन्वेषक एन. आई. सी. आर. ए. प्रोजेक्ट), डॉ. मनोज कुमार (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. मनीष कुमार (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. बिक्रम ज्योति (वैज्ञानिक), डॉ. सतीश कुमार, डॉ. पूर्वी तिवारी और डॉ. कामेंद्र चक्रधारी (वरिष्ठ शोध अध्येता) ने जलवायु समुत्थान कृषि में विभिन्न पहलुओं पर व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया।  डॉ. सी. एस. सहाय ने जलवायु समुत्थान कृषि के बारे में किसानों  को अवगत कराया और जलवायु समुत्थान कृषि उपकरण के बारे में विस्तार से चर्चा ...

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