नॉर्वे से डिजिटल पटल पर हुआ विदेशों में हिंदी पत्रकारिता की यात्रा पर विमर्श विदेशों में हिंदी पत्रकारिता पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन डिजिटल पटल पर सम्पन्न हुआ। भारत नॉर्वेजियन सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम ओस्लो, नॉर्वे द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कला संकायाध्यक्ष एवं समालोचक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ विदेशों में महात्मा गाँधी की हिंदी पत्रकारिता के संवाहक हैं। बेशक सुरेशचन्द्र शुक्ल के सामने वे चुनौतियाँ नहीं थीं, जो महात्मा गाँधी के सामने थीं, लेकिन स्कैंडिनेवियाई देशों की अपनी चुनौतियाँ तो थीं। स्कैंडिनेवियाई संस्कृति, सभ्यता और उनकी जीवन शैली के साथ जुड़ते हुए उसके साथ संवाद कायम करना चुनौतीपूर्ण था। भारत के बाहर हिंदी पत्रकारिता की परंपरा को आगे बढ़ाने का दुर्गम पथ सुरेशचन्द्र शुक्ल के के समक्ष था। उन्होंने सूचना और ज्ञान के साथ सांस्कृतिक समन्वय की दिशा में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। श्री शुक्ल ने नार्वे से परिचय, स्पाइल-दर्पण और वैश्विका पत्रिकाओं का सम्पादन किया और नई पीढ़ी...