नई दिल्ली- नागरी लिपि परिषद् की मध्यप्रदेश शाखा के संयोजक डॉ. प्रभु चौधरी की पुस्तक ‘‘देवनागरी लिपि : तब से अब तक‘‘ के मराठी संस्करण का लोकार्पण नागरी लिपि परिषद् के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति डॉ. प्रेमचंद पातंजलि, महामंत्री एवं प्रख्यात साहित्यकार डॉ. हरिसिंह पाल, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय भारत सरकार के पूर्व उपनिदेशक श्री उमाकांत खुशालकर, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन बेंगलूरू के वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी डॉ. रंजीतकुमार, रक्षा मंत्रालय के पूर्व हिन्दी अधिकारी एवं परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य ओमप्रकाश ने परिषद के मुख्यालय में किया। इसका मराठी अनुवाद महाराष्ट्र सरकार की समाज कल्याण अधिकारी श्रीमती सुवर्णा जाधव(पुणे) ने किया है। इसमें कर्नाटक के महामहिम राज्यपाल डॉ. थावरचंद गेहलोत, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन के अध्यक्ष डॉ. ब्रजकिशोर शर्मा, नागरी लिपि परिषद के महामंत्री एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. हरिसिंह पाल के शुभकामना संदेश प्रकाशित किये गए है। इस पुस्तक की भूमिका विक्रम विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्म...