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विक्रम विश्वविद्यालय में होगा विदेश में हिंदी पत्रकारिता पर मंथन

  डॉ जवाहर कर्नावट की पुस्तक विदेश में हिंदी पत्रकारिता का लोकार्पण एवं राष्ट्रीय विमर्श 21 अक्टूबर को विक्रम विश्वविद्यालय में   उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला, पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला तथा ललित कला अध्ययनशाला के संयुक्त तत्वावधान में विदेश में हिंदी पत्रकारिता पर केंद्रित राष्ट्रीय विमर्श होगा। देवास रोड स्थित वाग्देवी भवन में 21 अक्टूबर सोमवार की दोपहर 1:00 बजे आयोजित इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध लेखक एवं विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र डॉक्टर जवाहर कर्नावट की पुस्तक विदेश में हिंदी पत्रकारिता का लोकार्पण एवं विमर्श होगा।  नेशनल बुक ट्रस्ट नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में 27 देशों की हिंदी पत्रकारिता का सिंहावलोकन किया गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व संभागायुक्त एवं पूर्व कुलपति डॉ मोहन गुप्त होंगे। अध्यक्षता कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कुलानुशासक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा होंगे। विशिष्ट वक्ता प्रोफ़ेसर गीता नायक, डॉ पिलकेंद्र अरोरा एवं प्रोफेसर जगदीश चंद्र शर्मा होंगे। ल

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तदनुसार 20 अक्टूबर 2024 को विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का आधारशिला दिवस मनाया जाएगा

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का आधारशिला दिवस कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तदनुसार दिनांक 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। आधारशिला दिवस के शुभ अवसर पर दिनांक 20 अक्टूबर 2024 को प्रातः 11:00 बजे विक्रमादित्य मूर्ति शिल्प पर पुष्पांजलि एवं जलाभिषेक तथा कार्यपरिषद् कक्ष में स्थित सम्राट विक्रमादित्य एवं नवरत्नों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। शलाका दीर्घा सभागार में विश्वविद्यालय के शलाका पुरुषों के छाया चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। विक्रम विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में विद्वत संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी विक्रम संवत 2013 तदनुसार 23 अक्टूबर, 1956 को विक्रम विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गई थी। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी के पावन अवसर पर विश्वविद्यालय का आधारशिला दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह जानकारी देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के डीएसडब्ल्यू डॉ. एस. के. मिश्र ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आध्यात्मिक गुरु श्री कमलेश भाई पटेल, ग्लोबल हेड आध्यात्मिक मिशन, हैदराबाद होंगे। विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित होंग

विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने किया रेड रिबन मैराथन का आयोजन

उज्जैन। मध्य प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति एवं राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ ने जिला स्तरीय रेड रिबन एवं विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में महिला एवं पुरुष वर्ग की अंतर महाविद्यालयीन संभाग स्तरीय मैराथन का आयोजन किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के सातों जिलों के महाविद्यालयों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। मैराथन विक्रम विश्वविद्यालय के माधव भवन से प्रारंभ होकर से प्रारम्भ होकर नागझिरी होते हुई विक्रम विश्वविद्यालय पर जाकर समाप्त हुई । कार्यक्रम विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरु प्रो.अर्पण भारद्वाज की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के निदेशक व विभागाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र चावरे व  कार्यक्रम समन्वय रा से यो डॉ विजय वर्मा एवं कुलगुरु ने खिलाड़ियों को संबोधित कर मेडल एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। मध्य प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति एवं राष्ट्रीय सेवा योजना विक्रम विश्वविद्यालय के सौजन्य से महिला एवं  पुरुष वर्ग में अलग- अलग प्रथम स्थान 7000 रुपए, द्वितीय स्थान 5000 रुपए तथा तृतीय स्थान प्राप्त को 3

इक्कीसवीं सदी की चुनौतियाँ और हिन्दी भाषा एवं साहित्य पर संगोष्ठी

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 311वीं अन्तरराष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी का आयोजन 19 अक्टूबर 2024 (शनिवार) को सायं 5 बजे किया जाएगा। यह संगोष्ठी संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं शिक्षाविद् प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा, कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित की जा रही है।  इस संगोष्ठी का मुख्य विषय "इक्कीसवीं सदी की चुनौतियाँ और हिन्दी भाषा एवं साहित्य" रहेगा। मुख्य अतिथि के रूप में सुरेशचन्द्र शुक्ल (ओस्लो, नार्वे) शामिल होंगे, जबकि विशिष्ट अतिथि में डॉ. अन्नपूर्णा मालवीय (प्रयोगराज) और श्री ब्रजकिशोर शर्मा (उज्जैन) का नाम शामिल है।  मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. हरिसिंह पाल (नई दिल्ली) संबोधित करेंगे, और अध्यक्षता का कार्य डॉ. अरूणा राजेन्द्र शुक्ल (नांदेड़) करेंगी। अन्य प्रमुख प्रतिभागियों में माया मेहता (मुंबई), श्री पदमचंद गांधी (जयपुर), डॉ. अनीता तिवारी (भोपाल), डॉ. मुक्ति शर्मा (कश्मीर), श्री अविनाश शर्मा (जयपुर), डॉ. प्रभु चौधरी (उज्जैन), श्वेता मिश्र (बरेली), और डॉ. मुक्ता कौशिक (रायपुर) शामिल हैं।  संगोष्ठी की प्रस्तावना डॉ. शहेनाज शेख

श्रीरामलीला के चरितों पर आधारित संगोष्ठी का आयोजन

उज्जैन: त्रिवेणी कला संग्रहालय, मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा रामलीला के चरितों पर आधारित एक संगोष्ठी का आयोजन 19 से 22 अक्टूबर 2024 तक किया जाएगा। यह संगोष्ठी प्रातः 11 बजे से योगेश्वर कृष्ण भवन, विश्वविद्यालय परिसर, देवास रोड़, उज्जैन में होगी। इस आयोजन का सहयोग महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा प्रदान किया जा रहा है। संगोष्ठी का उद्देश्य रामलीला के विभिन्न पहलुओं को समझना और उसे सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रस्तुत करना है।  सभी साहित्य प्रेमियों और कला enthusiasts से आग्रह है कि वे इस अद्वितीय कार्यक्रम में भाग लें और रामलीला के समृद्धि और महत्व को जाने।

विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ विश्व सभ्यता को संस्कृत एवं भारतीय ज्ञान परम्परा की देन पर विशिष्ट व्याख्यान एवं परिसंवाद

संपूर्ण विश्व की धरोहर हैं संस्कृत और वेद, जिनकी ओर है पूरी दुनिया का ध्यान  – पूर्व कुलाधिपति प्रो प्रफुल्ल मिश्रा  संपूर्ण विश्व सभ्यता की प्राचीनतम ज्ञाननिधि हैं वेद – प्रो शर्मा   उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला एवं ललित कला अध्ययनशाला द्वारा शुक्रवार को दोपहर में विशिष्ट व्याख्यान एवं परिसंवाद का आयोजन किया गया। यह परिसंवाद विश्व सभ्यता को संस्कृत एवं भारतीय ज्ञान परम्परा की देन पर केंद्रित था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वक्ता महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष एवं पूर्व कुलाधिपति प्रोफेसर प्रफुल्ल कुमार मिश्रा, भुवनेश्वर थे। कार्यक्रम में हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा, प्रोफ़ेसर गीता नायक एवं प्रोफेसर जगदीश चंद्र शर्मा ने परिसंवाद में विचार व्यक्त किए।  विशिष्ट व्याख्यान देते हुए प्रोफेसर प्रफुल्ल कुमार मिश्रा भुवनेश्वर, उड़ीसा ने कहा कि पश्चिम के लोगों ने देश में विभाजन के बीज बोए, किंतु पूरे देश में स्वाभाविक एकता बनी हुई है। संपूर्ण विश्व सभ्यता को संस्कृत एवं भारतीय ज्ञान परंपरा का अविस्मरणीय

राष्ट्रीय सेवा योजना भारत मां की सेवा करने का एक उपयुक्त मार्ग है, इससे विद्यार्थियों को आम जन-मानस से जुड़ना सीख सकते हैं - कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज

विक्रम विश्वविद्यालय में एन एस एस की इकाई द्वारा स्वच्छता  पखवाड़े की शुरुआत उज्जैन। शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2024 को विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में एन एस एस के विद्यार्थियों द्वारा स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन किया गया। विक्रम विश्वविद्यालय और शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय की एन एस एस इकाई के विद्यार्थियों ने विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज के मार्गदर्शन और एन एन एस के समन्वयक प्रोफेसर विजय वर्मा, कार्यक्रम अधिकारी डॉ शिवी भसीन और शिक्षक डॉ पूर्णिमा त्रिपाठी के सान्निध्य में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर की में सफाई अभियान की शुरुआत करते हुए परिसर से प्लास्टिक एवं कचरा इकट्ठा किया गया एवं गाजरघास उन्मूलन किया।  इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना भारत मां की सेवा करने का एक उपयुक्त मार्ग है। ये विद्यार्थियों को आम जन-मानस से जोड़ने का तरीका है। अतः जो विद्यार्थी भारत मां की सेवा में समर्पित हो सकते हैं वे ही इस अभियान से जुड़ें और स्वेच्छा से स्वच्छता अभियान का

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का आधारशिला दिवस मनाया जाएगा कार्तिक कृष्ण चतुर्थी 20 अक्टूबर 2024 को

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का आधारशिला दिवस कार्तिक कृष्ण चतुर्थी 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। आधारशिला दिवस के शुभ अवसर पर दिनांक 20 अक्टूबर 2024 को प्रातः 11:00 बजे विक्रमादित्य मूर्ति शिल्प पर पुष्पांजलि एवं जलाभिषेक तथा कार्यपरिषद् कक्ष में स्थित सम्राट विक्रमादित्य एवं नवरत्नों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। शलाका दीर्घा सभागार में विश्वविद्यालय के शलाका पुरुषों के छाया चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरान्त विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में विद्वत संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी विक्रम संवत 2013 तदनुसार 23 अक्टूबर, 1956 को विक्रम विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गई थी। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी के पावन अवसर पर विश्वविद्यालय का आधारशिला दिवस मनाया जाता है। यह जानकारी देते हुए डॉ. एस. के. मिश्र, अधिष्ठाता विद्यार्थी कल्याण विभाग विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आध्यात्मिक गुरु श्री कमलेश भाई पटेल, हैदराबाद होंगे। विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित होंगे। अध्यक्षता माननीय कुलगुरु प्रो अ

प्रभावी समाजसेवा हेतु आध्यात्मिकता ज़रूरी : श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव विधान सभा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 माउंट आबू  । माउंट आबू में राजयोग एजुकेशन व रिसर्च फाउंडेशन ब्र.कु.ईश्वरीय विश्व विद्यालय समाज सेवा प्रभाग के कार्यक्रम में श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधान सभा ने रोटरी आदि संस्थाओं में समाज सेवा के अनुभवों के आधार पर कहा कि, वर्तमान में वातावरण सोशल मीडिया के साथ अनेक प्रकार के प्रदूषणों से युक्त होने से समाज से कुरीतियाँ मिटाने, नशा मुक्ति या युवाओं को निराशा हताशा से निकालने आदि समाज सेवा के कार्य तभी प्रभावी रूप से हो सकते है जब व्यक्ति या युवा आंतरिक रूप से सशक्त हो। आत्मबल कमजोर होने से व्यक्ति चाहते हुए भी अपने में परिवर्तन नहीं कर पाते, इसके लिए अध्यात्म की शक्ति ज़रूरी है। अध्यात्म या परमात्म शक्ति से जुड़कर व्यक्ति के मन को ताक़त मिलती है जिससे संस्कार परिवर्तन होते हैं और आज यही समय की माँग है, इसी से समाज की सही अर्थों में सेवा हो सकती है। इसके लिए समाजसेवी संस्थाओं रोटरी, लायन, जेसी के पदाधिकारियों को राजयोग से जोड़ना चाहिए। कार्यक्रम के प्रारंभ में राजगोगी अवतार भाई, राष्ट्रीय संयोजक एवं राजयोगिनी श

केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल द्वारा ग्राम जैतपुरा में ट्रैक्टर ट्रेलर द्वारा मानव परिवहन के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की जागरूकता एवं सुरक्षा कार्यक्रम का सफल आयोजन

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल । भा. कृ. अनु. प. - केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल के अंतर्गत कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र में श्रम विज्ञान एवं सुरक्षा पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसन्धान परियोजना द्वारा 16 अक्टूबर 2024 को ग्राम जैतपुरा, जिला भोपाल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  यह कार्यक्रम इस परियोजना द्वारा 14 से 16 अक्टूबर 2024 के दौरान चलाये जा रहे ट्रैक्टर-ट्रेलर और कृषि मशीनों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम पर राष्ट्रीय स्तर के जागरूकता अभियान के अंतर्गत समन्वय इकाई तथा सहयोगी केंद्र सी. आई. ए. ई. (CIAE) भोपाल द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में डॉ सुखबीर सिंह, परियोजना समन्वयक ने कृषि में सुरक्षा एवं सावधानियों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र में सुरक्षा के मुद्दों का आकलन करना और सुरक्षा उपकरणों, विधियों और रणनीतियों को विकसित करना साथ ही कृषि और संबद्ध क्षेत्र में दुर्घटनाओं को कम करना है। इस अवसर पर 100 से अधिक किसानो ने उपस्तिथि दी तथा विद्यालय क

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