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विक्रम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में पर्सनैलिटी डेवलपमेंट पर व्याख्यान संपन्न

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में दिनांक 6 दिसंबर 2024 को पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर सेमिनार आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर विजय वर्मा एनएसएस कोऑर्डिनेटर विक्रम विश्वविद्यालय एवं मॉस्टर ट्रेनर चुनाव आयोग उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉक्टर संदीप तिवारी ने की। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ कुलगान एवं सरस्वती पूजन से किया गया।  तत्पश्चात इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रघुनंदन सिंह बघेल द्वारा मुख्य अतिथि एवं वक्ता डॉ. विजय वर्मा जी का स्वागत किया गया।  संस्थान के डायरेक्टर प्रो. सन्दीप तिवारी के द्वारा स्वागत भाषण एव अतिथि परिचय दिया गया। डॉ विजय वर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि इंसानों को अपने सपने पूरे करने के लिए दिन-रात मेहनत करना चाहिए। केवल सपने देखने से कुछ नहीं होता उन सपनों को पूरा करने के लिए परिश्रम की आवश्यकता होती है, साथ ही साथ विद्यार्थियों को विद्यार्थी जीवन में सकारात्मक रहना चाहिए। आज के विद्यार्थी सोशल मीडिया मोबाइल एवं गलत संगत में पड़कर अपना ...

मालवी साहित्य में स्पंदित हैं गहरे मानवीय मूल्य - डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा

भारतीय ज्ञान परंपरा और साहित्य में मानवीय मूल्य पर आधारित मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम में हुआ लोक संस्कृतिविद् प्रो शर्मा का विशिष्ट व्याख्यान  प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के हिंदी विभाग द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा और साहित्य में मानवीय मूल्य पर आधारित मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस पाठ्यक्रम में लोकसंस्कृति विशेषज्ञ एवं विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने मालवा की समृद्ध साहित्यिक परंपराओं में मानवीय मूल्यों पर अपना व्याख्यान दिया।  उन्होंने व्याख्यान में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मालवा भारत का हृदय अंचल है। हृदय की विशेषता है कि हृदय से ही रक्त सभी अंगों में स्वच्छ होकर प्रवाहित होता है, ऐसी ही स्थिति मालवा अंचल है। मालवा पर्यावरण, संस्कृति और परंपराओं का एक समृद्ध स्थल है। नर्मदा नदी, मालवा एवं निमाड़ की संधि का कार्य कर रही है। भारतीय ज्ञान परंपरा की प्रमुख विशेषता है हमारे पुरुषार्थ जिनमें धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चारों का पालन करते हुए जीवन निर्वाह करे...

हिंदी माध्यम से स्तरीय एवं गुणवत्तापूर्ण पाठ्यपुस्तक लेखन के लिए लेखकों की कार्यशाला का उद्घाटन हुआ

ज्ञान, परम्परा और शब्द की अपार महिमा रही है भारत में - पूर्व कुलपति प्रो शर्मा  हिंदी माध्यम से स्तरीय एवं गुणवत्तापूर्ण पाठ्यपुस्तक लेखन के लिए लेखकों की कार्यशाला का उद्घाटन हुआ 6 दिसंबर 2024 को  कार्यशाला में सम्मिलित हो रहे हैं देश के विभिन्न राज्यों के उच्च शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञ और लेखकगण 7 दिसंबर को तीन तकनीकी सत्रों में होगी स्तरीय पुस्तक लेखन में शब्दावली और अनुवाद पर चर्चा उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में यूजीसी, नई दिल्ली एवं भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से हिंदी माध्यम से स्तरीय एवं गुणवत्तापूर्ण पाठ्यपुस्तक लेखन के लिए विभिन्न विषयों के लेखकों की दो दिवसीय कार्यशाला 6 दिसंबर 2024 को प्रारम्भ हुई। कार्यशाला का शुभारंभ शुक्रवार सुबह विक्रम विश्वविद्यालय के पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला सभागार में हुआ। आयोजन के सारस्वत अतिथि पूर्व कुलपति प्रो बालकृष्ण शर्मा थे। अध्यक्षता कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ चंदन श्रीवास्तव, वाराणसी, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, डॉ सुनीता सिंह, नई दिल्ली आदि ने सम...

विक्रम विश्वविद्यालय में जुटेंगे देश के विभिन्न राज्यों के उच्च शिक्षा से जुड़े लेखकगण

हिंदी माध्यम से स्तरीय एवं गुणवत्तापूर्ण पाठ्यपुस्तक लेखन के लिए विभिन्न विषयों के लेखकों की कार्यशाला होगी 6 एवं 7 दिसंबर 2024 को होगी  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में यूजीसी, नई दिल्ली एवं भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से हिंदी माध्यम से स्तरीय एवं गुणवत्तापूर्ण पाठ्यपुस्तक लेखन के लिए विभिन्न विषयों के लेखकों की दो दिवसीय कार्यशाला 6 एवं 7 दिसंबर 2024 को होगी। इस कार्यशाला का शुभारंभ 6 दिसम्बर को प्रातः 11 बजे विक्रम विश्वविद्यालय के पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला सभागार में होगा। आयोजन के सारस्वत अतिथि पूर्व कुलपति प्रो बालकृष्ण शर्मा होंगे। अध्यक्षता कुलपति प्रो अर्पण भारद्वाज करेंगे। विशिष्ट अतिथि डॉ चंदन श्रीवास्तव, वाराणसी होंगे।  यह जानकारी देते हुए कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा एवं मुख्य समन्वयक ने बताया कि 6 एवं 7 दिसम्बर 2024 को विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में आयोजित इस कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों के लेखकगण भाग लेने के लिए आ रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 शैक्षिक क्षेत्रों के सभी स्तरों पर भारतीय भाषा...

आईसीएआर-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल ने 5 दिसंबर 2024 को "मृदा स्वास्थ्य जागरूकता" पर "विश्व मृदा दिवस” का आयोजन किया

विश्व मृदा दिवस के अवसर पर डॉ. एसपी दत्ता द्वारा डॉ. रतन लाल को सम्मानित किया गया (5 दिसंबर 2024) 🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल। एफएओ किंग भूमिबोल पुरस्कार प्राप्त आईसीएआर भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान ने विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर 2024 को मनाया। "मिट्टी की देखभालः उपाय, निगरानी और प्रबंधन" के नारे के साथ यह मृदा स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। बहुत जोश और उत्साह के साथ संस्थान ने स्कूली बच्चों को शिक्षित करने और मृदा स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए "मानवता के लिए मिट्टी की देखभाल थीम पर कृषि शिक्षा दिवस मनाया। इस दिशा में, संस्थान ने "स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ मिट्टी" विषय पर निबंध और ड्राइंग प्रतियोगिता आयोजित की। 5 दिसंबर 2024 को आम लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए संस्थान से नजदीकी परिसर तक मार्च पास्ट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पदम श्री पुरस्कार सम्मानित और विश्व खाद्य पुरस्कार विजेता डॉ. रतन लाल (प्रतिष्ठित प्रोफेसर, ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी, कोलंबस, अमेरिका) उपस्थित थे। इस...

आत्मनिर्भर भारत के लिए विद्यार्थियों की सक्रियता विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात- कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज

उज्जैन। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित ज्ञानकुंभ कर्णावती में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के विद्यार्थियों द्वारा उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय किया गया।         विगत कुछ वर्षों में विक्रम विश्वविद्यालय ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अपने विद्यार्थी को विकसित किया है। इसी शृंखला में विद्यार्थियों ने लर्न बाय-अर्न के तहत  उत्पाद का प्रदर्शन एवं विक्रय किया।  इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने बताया कि ये विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात हैं कि यहां के विद्यार्थियों ने शिक्षा क्षेत्र में अपने प्रयोगशील, नवविचार एवं प्रेरक कार्यों को इस ज्ञानकुंभ में प्रदर्शनी स्टाल के माध्यम से दूसरी संस्थाओं के सामने अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया तथा उनका विक्रय कर धन अर्जित किया।  कुलगुरु जी ने बताया कि इस आयोजन में बायोटेक्नोलॉजी, फाईन  आर्ट्स, एग्रीकल्चर, फूड टेक्नोलॉजी आदि विभागों के विद्यार्थियों ने विभिन्न उत्पाद जैसे हर्बल चॉकलेट, हर्बल कॉस्मेटिक, इम्युन बूस्टर फ्लैक्स, लड्डू, दुपट्टा, साड़ी एवं अन्...

जनजातीय गौरव: ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान पर केंद्रित महत्वपूर्ण आयोजन हुआ विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में

राष्ट्र के स्व के जागरण में जनजातीय नायकों ने अविस्मरणीय योगदान दिया - डॉ दीपमाला रावत  महानायक टंट्या मामा भील के बलिदान दिवस 4 दिसंबर पर जनजातीय नायकों के अविस्मरणीय योगदान पर केंद्रित महत्वपूर्ण प्रदर्शनी लगाई गई  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में  जनजातीय गौरव - ऐतिहासिक सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान विषय पर केंद्रित महत्वपूर्ण व्याख्यान एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। महानायक टंट्या मामा भील के बलिदान दिवस 4 दिसंबर 2024, बुधवार को प्रातः  विक्रम विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में हुए इस आयोजन में ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक संदर्भ में जनजातीय समुदायों के अतुलनीय योगदान पर व्याख्यान हुए। राजभवन, भोपाल से विषय विशेषज्ञ श्रीमती दीपमाला रावत, डॉ रेखा नागर एवं श्री रूपसिंह नागर, इंदौर ने व्याख्यान दिए।  अध्यक्षता कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज ने की। आयोजन की पीठिका  कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने प्रस्तुत की।  इस अवसर पर देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जनजाति नायकों के अविस्मरणीय योगदान पर केंद्रित महत्व...

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