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मध्यप्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाईज फेडरेशन ने दो सूत्री मांगों को लेकर दिया सीएम को पत्र


उज्जैन। मध्यप्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाईज फेडरेशन ने दो सूत्री मांगों को लेकर दिया सीएम शिवराज सिंह को पत्र प्रेषित किया है।


ऑल इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जी.आर. निमगांवकर और मध्यप्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाईज फेडरेशन के सह कोषाध्यक्ष योगेंद्र महावर, जिला अध्यक्ष  बसंत कुमार दौराया ने संयुक्त वक्तव्य में बताया कि वर्तमान में प्रदेश में हजारों सहकारी बैक कर्मी और प्राथमिक संस्थाएँ (पेक्स) कोविड -19 की विश्वव्यापी महामारी के दौरान 'आर्थिक सैनिकÓ की भूमिका निभाते हुए अपनी जान की परवाह किये बिना विषम परिस्थितियों मे बिना पी.पी.ई., बगैर बीमा कराये, आधे-अधूरे सेनेटाईजर बैंक भवनों एवं पुलिस संरक्षण के अभाव में प्रदेश की जनता को बैंकिंग सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं। इस दौरान बैंक की शाखाओं में ग्रामीण ग्राहकों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। जब उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का कहा जाता है तो वे विवाद करने लगते हैं।


इसी प्रकार प्राथमिक संस्थाएं (पेक्स) द्वारा प्रदेश शासन के आदेश पर गेहूं उपार्जन खरीदी केन्द्र बनाये गये हैं, जिसमें भी कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव के लिए शासन स्तर से कोई उपाय संस्था कर्मचारियों हेतु नहीं किये गये हैं, जिससे इन खरीदी केन्द्रों पर जब कृषक अपनी उपज बेचने आयेगा, तब सोशल डिस्टेंसिंग के अभाव में कोरोना वायरस के संक्रमण संस्था कर्मचारियों और कृषकों में वायरस फैलने की आशंका है, जबकि रिर्जव बैंक आफ इंडिया, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक ने अपने परिपत्र में कोरोना वायरस से बचाव और सुरक्षा हेतु अपने  कर्मचारियों/ अधिकारियों/ ग्राहकों हेतु स्पष्ट निर्देश जारी किये हैं, किन्तु जिला बैंकों और सहकारिता विभाग द्वारा कोई भी निर्देश जारी नहीं करना सहकारी कर्मचारियों के साथ चिन्ता का विषय है।


कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये प्रदेश के साथ-साथ देशभर में लॉकडाउन है। बैंक कर्मचारियों एवं ग्राहकों/कृषकों की भीड़ एकत्रित कर अनजाने में कहीं न कहीं हजारों लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ करने तो नहीं जा रहे हैं। शासन, प्रशासन एवं बैंक प्रबन्धन को गंभीरतापूर्वक इस ओर ध्यान देना चाहिए।


उक्त परिस्थितियों में लॉकडाउन/ कर्फ्यू के दौरान कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से अनुरोध किया है कि यदि बहुत आवश्यक हो तभी बैंक खोले जाएं। बैक बंद होने की स्थिति में बैंकिंग सेवाएं- एटीएम, बी.सी. इन्टरनेट बैकिंग, एनईएफटी/आरटीजीएस एवं अन्य माध्यमों से मिलती रहेगी।


यदि आवश्यक हो तो 50 प्रतिशत स्टाफ की उपस्थिति के साथ प्रात: 10से दोपहर 2 बजे तक अथवा इससे कम समय के लिए बैंक खोलने की अनुमति दी जाए। जिन क्षेत्रों में बैंकों की एक से अधिक शाखाएं हैं, उन्हें ऑल्टरनेट बेसिस पर खोला जाए।

पी.पी.ई./ पुलिस संरक्षण, हर शाखाओं में गार्ड की उपस्थिति, सोशल डिस्टेंसिंग एवं बैंक भवन का सेनेटाईज सुनिश्चित किया जाय। घर से बैंक तक आने-जाने के लिए बैंक कर्मचारियों के पहचान पत्र को डूयूटी पास की मान्यता प्रदान की गई है। इसका सख्ती से पालन कराया जाए।


ड्यूटी पर कार्यरत बैंक कर्मचारियों एंव संस्था कर्मचारियों का राज्य शासन की भांति 50 लाख का बीमा कराया जाना चाहिए। जिला कलेक्टरों द्वारा सहकारी बैंकों/ प्राथमिक संस्थाओं के लिए भी अलग से एडवाइजरी जारी की जाए।


मध्यप्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाईज फेडरेशन के उज्जैन कमेटी सदस्य कन्हैया लाल मालवीय, मनोहर सिंह राजपूत, गोपाल शर्मा, हुकमचंद मेरा, योगेंद्र भदौरिया, रवि गुप्ता आदि ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र प्रेषित करते हुए देश एवं प्रदेश के समक्ष उत्पन्न हुई कोविड -19 की महामारी एवं इससे उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में मध्यप्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाईज फेडरेशन के पत्र पर विचार कर उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

 


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