उज्जैन/मप्र। स्वर्णिम भारत मंच लगातार जरूरत मंद परिवारो के लिए भोजन उपलब्ध करवा रहा है । जो कतई नि:शुल्क भोजन सेवा नही लेना चाहते है पर लॉक डॉउन में बच्चे को रोटी कैसे मिले इसकी चिंता खाये जा रही है। स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि 22 मार्च से आज तक मंच द्वारा तीस हजार छ सौ लोगो को भोजन पहुंचाने का प्रयास हमने किया है। कई जरूरतमन्द ऐसे भी है जो शर्म के कारण मदद नहीं ले रहे उन्हें भी स्वर्णिम भारत मंच गोपनीय मदद भेज रहा है।
दिव्यांग परिवार बच्चो को भूखा नही देख पाया तो हिम्मत करके कलेक्टर ऑफिस पहुंचा ......
लॉक डॉउन की लंबी अवधि से दिव्यांग परिवार दो बार की रोटी बच्चो को नही दे पा रहा तो कलेक्टर की याद आयी कार्यालय जाकर कलेक्टर शशांक मिश्र से बच्चों के पेट की चिंता बताई। आम लोगों की तत्काल सुनवाई करने वाले जिलाधीश ने तुरन्त दिव्यांग की बात सुनी व भोजन की चिंता करते हुए स्वर्णिम भारत मंच को भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंप दी। स्वर्णिम भारत मंच की टीम दिव्यांग के घर भोजन देने पहुंची तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा आसपास की भीड़ जमा हो गयी एक बार फिर प्रशासन के प्रति आम लोगो मे सद्भावना उत्पन्न हुई है।
घर का मकान पर राशन नही है बच्चे को क्या खिलाये ....
स्वर्णिम भारत मंच के पास कई ऐसे भी परिवार की सूचना आई है जिनके बच्चे लॉक डॉउन में भूखे थे आसपास वालो की सूचना पर स्वर्णिम भारत मंच ने भोजन पहुंचाया। लॉक डॉउन की अवधि में 22 मार्च से अब तक तीस हजार छ सौ जररतमन्दों तक भोजन पहुंचा चुका है। जिनमें कई बेसहारा है जिनके पास राशन कार्ड भी नहीं।
नि:शुल्क भोजन सेवा के 191 दिन पूरे ......
लॉक डॉउन में कई स्वयंसेवी संस्था भोजन वितरण कर रही है पर गरीब मजदूर ,बे सहारा ,विधवा ,दिव्यांग ,वृद्धजनो की सेवा के लिए संकल्पित स्वर्णिम भारत मंच की भोजन सेवा को चलते हुए एक सौ इक्यानवे दिन हो चुके है दिनांक १ अक्टूबर 2019 से नि:शुल्क भोजन सेवा प्रारंभ की गई थी। जिसके माध्यम से जरूरमंद लोगो की मदद की जा रही है।
स्वर्णिम भारत मंच ने माना दान दाताओं के प्रति आभार ....
स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने समाचार पत्रों के माध्यम से नि:शुल्क भोजन सेवा में दान देने वाले समस्त दान दाताओं के प्रति आभार प्रकट किया है
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