केस में बरी होने के बाद मामले में आरोपी रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की प्रतिक्रिया आई है. आडवाणी ने एक बयान जारी कर कहा कि इस फैसले ने उनकी और बीजेपी की रामजन्मभूमि आंदोलन के लेकर उनके विश्वास को और मजबूत किया है.
नई दिल्ली:
28 साल पुराने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले (Babri Demolition Case Verdict) में लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मस्जिद का ढांचा असामाजिक तत्वों ने गिराया था और आरोपी नेताओं ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी. केस में बरी होने के बाद मामले में आरोपी रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की प्रतिक्रिया आई है. आडवाणी ने एक बयान जारी कर कहा कि इस फैसले ने उनकी और बीजेपी की रामजन्मभूमि आंदोलन के लेकर उनके विश्वास को और मजबूत किया है.
92 साल के आडवाणी ने बयान में कहा, 'मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि यह फैसला नवंबर, 2019 में सुप्रीम कोर्ट के दिए गए उस फैसले के पदचिन्हों पर आया है, जिसने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का रास्ता सुनिश्चित किया, जिसका भूमि-पूजन 5 अगस्त को किया गया था.'
आडवाणी ने आगे कहा, 'मैं अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं, नेताओं, संतों और खासकर उन सभी लोगों के प्रति आभारी हूं, जिन्होंने अयोध्या आंदोलन के दौरान अपनी निस्वार्थ सेवा और बलिदान से मुझे समर्थन और संबल दिया.' उन्होंने साथ ही अपनी लीगल टीम का भी धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, 'मैं श्री महिपाल अहलूवालिया के नेतृत्व वाली अपनी लीगल टीम के योगदान की भी सराहना करता हूं. इन सालों में महिपाल जी, उनके बेटे अनुराग अहलूवालिया और उनकी लीगल टीम ने इस केस में पूरे समर्पण के साथ हर पहलू को देखा है.'
उन्होंने आखिर में कहा, 'अब अपने देशवासियों के साथ मुझे भी भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा होते देखने का इंतजार है. भगवान राम की कृपा हम सब पर बनी रहें.'
बता दें कि लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, नृत्यगोपाल दास सहित सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बाबरी विध्वंस सुनियोजित नहीं था. कोर्ट ने कहा कि 'अराजक तत्वों ने ढांचा गिराया था और आरोपी नेताओं ने इन लोगों को रोकने का प्रयास किया था.'
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