Skip to main content

श्री अन्टोनी डिसा के कार्यकाल में मध्यप्रदेश में रेरा एक्ट के क्रियान्वयन और बेहतर कार्यप्रणाली के चलते देश का अग्रणी राज्य बना

श्री अन्टोनी डिसा के कार्यकाल में मध्यप्रदेश में रेरा एक्ट के क्रियान्वयन और बेहतर कार्यप्रणाली के चलते देश का अग्रणी राज्य बना


प्राधिकरण ने दी श्री अन्टोनी डिसा को विदाई



भोपालः- 30, सितम्बर 2020


म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) में अध्यक्ष पद पर पदस्थ रहे श्री अन्टोनी डिसा को रेरा भवन में भावभीनी विदाई दी गई। इस अवसर पर श्री डिसा को रेरा की ओर से पुष्पगुच्छ तथा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इस मौके पर रेरा के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने विचार रखते हुए कहा कि प्राधिकरण के अध्यक्ष रहते हुए श्री अन्टोनी डिसा ने इसकी स्थापना से लेकर अपने कार्यकाल में मध्यप्रदेश रेरा एक्ट के क्रियान्वयन और बेहतर कार्यप्रणाली में अनेक नवाचार के चलते देश का अग्रणी राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही उन्होंने प्रशासनिक एवं न्यायिक भूमिका में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर प्रतिष्ठा अर्जित की। इस मौके पर अध्यक्ष की निजी स्थापना में पदस्थ श्री के.डी.एस. मल्होत्रा को भी विदाई दी गई।


श्री अन्टोनी डिसा ने इस अवसर पर कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैं मुख्य सचिव बना और सेवानिवृत्ति के बाद रेरा प्राधिकरण के अध्यक्ष के चुनौती पूर्ण पद की जिम्मेदारी भी संभाली। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का संतोष है कि मैं आप जैसे अच्छे सहयोगियों के साथ काम कर पाया। उन्होंने कहा कि नवीन कार्यालय के व्यवस्थापन से लेकर आप सभी लोगों द्वारा दिये गये अतुलनीय योगदान तथा सहयोग के लिये सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हॅूं। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने कार्यालय में एक अच्छी कार्यप्रणाली विकसित कर अनुशासन तथा बेहतर संस्कृति की दिशा में प्रशसनीय योगदान दिया है। इसके बहुत अच्छे परिणाम भी मिले है। श्री डिसा ने कहा कि संस्थाओं में अध्यक्ष तथा सदस्यों के बीच तालमेल सकारात्मक बात है। मैं भाग्यशाली हूँ कि मुझे एक अच्छी टीम के साथ काम करने का अवसर मिला। मैं प्रसन्नता के साथ रेरा से जा रहा हूँ तथा रेरा समूह को हमेशा याद रखूगा। मैं आप लोगों की उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ ।


 रेरा सदस्य न्यायिक श्री दिनेश कुमार नायक ने श्री अन्टोनी डिसा को सरल,सहज, कर्तव्यनिष्ठ तथा कठोर परिश्रम का प्रतिभाशाली व्यक्तिव का धनी बताया। उन्होंने कहा कि उनके साथ काम करके हम लोग गौरवांवित है। प्राधिकरण में उनके अध्यक्षीय कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने प्रदेश के रेरा को देश के बेहतरीन राज्य बनाने में स्थापना से लेकर अभी तक नये-नये प्रयोग कर अपने महत्वपूर्ण कार्यकाल में विकसित किये गये साफ्टवेयर, प्रक्रिया और अन्य किये गये प्रयास अन्य राज्यों के लिये आदर्श मॉडल बन गये। उन्होंने सूचना संचार तकनीक के समय-समय पर जो उपयोग किये उसके भी अच्छे परिणाम मिले। श्री डिसा की कार्यकुशलता से देश में मध्यप्रदेश रेरा प्राधिकरण का नाम उदाहरण के तौर पर लिया गया।


प्राधिकरण में नये-नये प्रयोग करना उनकी प्राथमिकता में रहा। उन्होंने प्राधिकरण आदेश के पालन के लिये देश में सर्वप्रथम निष्पादन न्यायालय की स्थापना की साथ ही आवंटियों को अवार्ड राशि की वसूली के लिये वसूली अधिकारी का प्रावधान भी किया। जिससे प्राधिकरण सीधे तौर पर कुर्की की कार्यवाही अंजाम दे सकें। उनकी विशेषज्ञता तथा रेरा अधिनियम की गंभीर अध्ययन के चलते उन्हें भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय सलाहकार समिति में शामिल किया जाना इसका परिणाम है। साथ ही उन्हें रेरा के अखिल भारतीय मंच का सचिव भी चुना गया।



रेरा सदस्य तकनीकी श्री अनिरूद्ध डी. कपाले ने कहा कि श्री डिसा एक कुशल प्रशासक, आर्किटेक्ट, लेखक, पुरातत्व के जानकार होने के साथ ही अनेक खुबियों के मालिक है। उन्होंने श्री डिसा की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने रेरा एक्ट के क्रियान्वयन को पूरी पारदरर्शिता के साथ सशक्त और प्रभावी बनाने के लिये कारगर कदम उठाए है। साथ ही उन्होंने रेरा एक्ट का बिल्डर और खरीदारों के हितों का ध्यान में रखते हुए इसके बेहतर क्रियान्वयन पर भी बल दिया। श्री कपाले ने कहा कि आवंटियों तथा पक्षकारों की समस्याओं के प्रति बेहद संवेदनशील रहे। उनकी त्वरित सुनवाई और निराकरण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता अंत तक बनी रही। उन्होंने कहा कि देश के राज्यों के रेरा अध्यक्षों की संघ की अखिल भारतीय फोरम की उपयोगी जानकारी देने वाली वेबसाईट उप समिति के समन्वयक भी बनाये गये।


तकनीकी सदस्य श्री कपाले ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते देश के सभी प्राधिकरण में सुनवाई स्थगित हुई थी तब श्री डिसा ने देश में सबसे पहले ऑनलाईन सुनवाई शुरू की। आधुनिक संचार माध्यम से प्रकरणों की की गई सुनवाई से देश-विदेश के आवंटी अपने कार्यस्थल से ही सुनवाई में शामिल हो सकें।


अध्यक्ष रेरा के निज सहायक श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव ने आदर्श व्यक्तिव के धनी श्री अन्टोनी डिसा को कर्मचारी हितेषी व्यक्तिव को रेखांकित किया। साथ ही उनके सहयोग, मार्गदर्शन एवं स्नेह के लिये आभार व्यक्त किया।


इस मौके पर न्यायनिर्णायक अधिकारी श्री विनोद कुमार दुबे ने श्री अन्टोनी डिसा के समय-समय पर दिये गये मार्गदर्शन के प्रति आभार व्यक्त किया।


इस अवसर पर जनसूचना सलाहकार श्री सैयद ताहिर अली, विधिक सलाहकार श्री राजीव कृष्णा जोशी, विविध सलाहकार श्री जगत मोहन चतुर्वेदी, तकनीकी सलाहकार श्री प्रहलाद सिंह तोमर, निष्पादन अधिकारी श्री डी.एन. शुक्ला, वसूली अधिकारी श्री सूर्यकांत शर्मा, लेखा अधिकारी श्री के.ए. थॉमस, आई.टी. सलाहकार श्रीमती पारूल दुबे जोशी सहित अन्य अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar